देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाया जा रहा ‘स्मार्ट’, यात्रियों का अनुभव बेहतर बनाने को टेक्नोलॉजी पर चल रहा काम
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट, स्मार्ट बनने की ओर अग्रसर है। इस परियोजना के तहत, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जैसे कि स्मार्ट भीड़ प्रबंधन, स्मार्ट ट्राली सिस्टम, और स्मार्ट शौचालय। एआई तकनीक और सेंसर का उपयोग करके, एयरपोर्ट पर भीड़ और यातायात को सुचारू रूप से प्रबंधित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है।

स्मार्ट एयरपोर्ट परियोजना पर तेजी से चल रहा काम, साल के अंत तक पूरा होने का अनुमान।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश का नंबर वन एयरपोर्ट यात्री सुविधाओं के मामले में भी नंबर वन हो, इसकी आईजीआई एयरपोर्ट पर तैयारी चल रही है। आने वाले समय में यात्रियों को यहां कई ऐसी नई सुविधाएं मिलेंगी, जो एयरपोर्ट पर उनके काम को आसान बना देगा।
इसके लिए स्मार्ट एयरपोर्ट परियोजना पर काम चल रहा है। स्मार्ट भीड़ प्रबंधन, स्मार्ट शौचालय, स्मार्ट यातायात, स्मार्ट बग्गी, स्मार्ट ट्राली सहित अनेक सुविधाएं इस परियोजना का हिस्सा हैं।
इन सुविधाओं में से कई सुविधाएं एयरपोर्ट पर सीमित दायरे में यात्रियों को मिल रही हैं, जिसका विस्तार किया जा रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि दिसंबर तक आइजीआइ एयरपोर्ट देश का पहला स्मार्ट एयरपोर्ट बन जाएगा।
क्यों है जरूरत ?
कई बार एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाता है। आलम यह होता है कि एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में वाहन जाम से जूझते नजर आते हैं तो दूसरी ओर प्रवेश द्वारों पर यात्रियों की लंबी कतार नजर आती है।
लोग इंटरनेट पर इस स्थिति के लिए पूरी व्यवस्था को जमकर कोसने लगते हैं। यात्रियों की आवाजाही आईजीआई एयरपोर्ट पर जिस हिसाब से साल दर साल बढ़ रही है, उसे देखते हुए स्मार्ट एयरपोर्ट पर काम करना समय की जरूरत है।
इसके तहत अलग अलग काम के लिए अलग-अलग तरह के साॅफ्टवेयर इंसान की मदद करेंगे, जिससे टर्मिनल पर अलग अलग कामों का प्रबंधन आसान होगा। यात्री सुविधाओं से संतुष्ट होंगे।
स्मार्ट भीड़ प्रबंधन
एआई तकनीक से लैस कैमरे भीड़ प्रबंधन, रियलटाइम माॅनिटरिंग सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए स्मार्ट कैमरे जगह-जगह लगाए जा रहे हैं। हाई-रेजोल्यूशन और वाइड-एंगल लेंस वाले कैमरों की मदद से टर्मिनल, पार्किंग, रनवे और बैगेज एरिया जैसे सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेगा। ये कैमरे भीड़ के घनत्व और सुरक्षा जोखिमों का रियलटाइम डेटा प्रदान करेंगे।
यह पूरी प्रणाली स्मार्ट अलर्ट सिस्टम से जुड़ी रहेगी। कैमरों में ऑटोमेटेड अलर्ट फीचर के माध्यम से असामान्य व्यवहार जैसे अनअटेंडेड बैग या भीड़ में संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लग जाएगा।
कंट्रोल रूम को पल पल की सूचना मिलेगी और उसे सुझाव भी मिलेगा कि कहां कर्मियों की डयूटी की आवश्यकता है। किस गेट से प्रवेश करने में कम से कम समय लगेगा, यात्रियों को यह जानकारी मिलती रहेगी। यह सिस्टम टर्मिनल के भीतर की भीड़ के प्रबंधन में कर्मियों को सहूलियत देगा।
स्मार्ट ट्राली सिस्टम
एयरपोर्ट पर कई बार ट्राली की दिक्कत सामने आती है। यात्रियों को ट्राली ढूंढने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। फोरकोर्ट एरिया में कई ऐसी जगह ट्राली खड़ी नजर आती है, जहां कोई यात्री नहीं होता है। इस स्थिति से निपटने के लिए डायल अब ट्रालियों पर सेंसर लगाने की कवायद में जुटा है।
ट्रालियों पर लगे सेंसर कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे, इससे ट्राली की लोकेशन व इसकी मूवमेंट का पता लग जाएगा। यदि कहीं किसी ट्राली की लोकेशन लंबे समय तक एक ही जगह पर टिकी है तो उसे फौरन वहां लाया जाएगा जहां इसकी जरूरत हो।
पहले लेन पर स्मार्ट यातायात
एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में सुचारु यातायात एक बड़ी चुनौती होती है। खासकर तब जब मामला देश की राजधानी के इकलौते एयरपोर्ट का हो, जहां रोजाना बड़ी संख्या में अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों का आना जाना होता है।
ऐसे तो फोरकोर्ट एरिया का पहला लेन अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों के आवागमन के लिए आरक्षित रहता है, लेकिन व्यस्त समय में कई बार जब एक साथ कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों की मूवमेंट हो रही हो, तब इस लेन पर जाम की स्थिति बन जाती है।
इस लेन पर आवागमन के लिए डायल को पहले से सूचित करना होता है, जिसके बाद संबंधित वाहन का नंबर डायल अपने सुरक्षाकर्मी को मुहैया करा देता है। मूवमेंट के दौरान वाहन के पहले लेन में प्रवेश करने पर वहां तैनात सुरक्षाकर्मी रजिस्टर में दर्ज वाहन के नंबर से दिख रहे वाहन के नंबर का मिलान करता है और उसे प्रवेश दिया जाता है।
इस प्रक्रिया में समय लगने से इस लेन पर जाम की स्थिति बनने लगती है। भविष्य में ऐसे अतिमहत्वपूर्ण लोग जिनकी एयरपोर्ट पर अक्सर आवाजाही रहती है, उन्हें एक ऐसा स्टीकर या टैग दिया जाएगा, जिसमें सेंसर लगे होंगे। सेंसर से कंट्रोल रूप में पता चल जाएगा कि लेन में संबंधित वाहन का प्रवेश हो चुका है।
इससे सुरक्षाकर्मी द्वारा नंबर का मिलान करने में लगने वाले समय से पूरी तरह छूट मिलेगी। सेंसर की मदद से यह भी पता लगाया जा सकेगा कि एक समय में इसपर कितने वाहन हैं। यदि वाहनों की संख्या अधिक रहेगी तो दूसरे लेन को भी तत्काल आरक्षित कर दिया जाएगा ताकि आवाजाही में कोई दिक्कत नहीं हो।
स्मार्ट शौचालय
एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में स्थित शौचालय में भी स्मार्ट सेंसर लगाए जा रहे हैं। सेंसर कंट्रोल रूम को यह सूचित करता रहेगा कि किस शौचालय में अभी कितने आदमी हैं। किस शौचालय का कितना इस्तेमाल हो रहा है।
शौचालय में लगे उपकरण काम कर रहे हैं या नहीं। इसी तरह यात्रियों को भी बाहर लगे डिस्प्ले बोर्ड से यह पता लग जाएगा कि अभी शौचालय में कितने लोग हैं।
आईजीआई एयरपोर्ट पर बढ़ रही यात्रियों की आवाजाही
- 2022 में 163014 यात्री
- 2023 में 178904 यात्री
- 2024 में 201644 यात्री
- 2025 में 217000 यात्री (अभी तक)
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