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    IGI एयरपोर्ट बना नशा तस्करों का अड्डा, एक साल में 133 करोड़ के ड्रग्स जब्त; बैंकॉक रूट सबसे बड़ा सिरदर्द

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 06:59 AM (IST)

    दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर नशा तस्करों का अड्डा बन गया है। एक साल में 133 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए गए हैं। बैंकॉक रूट तस्करों के लिए सबसे बड़ा ...और पढ़ें

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    जब्त किया गया नशे का सामान। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) हवाई अड्डे पर पिछले एक साल से मादक पदार्थों के तस्करों और कस्टम विभाग के बीच चूहे-बिल्ली के खेल का अखाड़ा बना हुआ है। दिसंबर 2024 से लेकर अब तक, दिल्ली कस्टम्स ने तस्करी के दर्जनों प्रयासों को नाकाम करते हुए करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए हैं।

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    दिसंबर 2024 से लेकर अब तक की गई कार्रवाइयों में कस्टम ने 130 करोड़ से अधिक का ड्रग्स बरामद किए हैं, जिनका बाजार मूल्य 133 करोड़ रुपयों से ज्यादा आंकी गई। वहीं 25 से अधिक भारतीय और विदेशी नागरिक यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है। आंकड़ों के से साफ है कि साल 2025 में बैंकॉक से नशा तस्करी के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।

    दिल्ली कस्टम की प्रमुख कार्रवाई

    दिल्ली कस्टम की प्रमुख कार्रवाई (गत एक साल)
    तारीख बरामदगी (वजन) अनुमानित कीमत यात्री (मार्ग)
    15 दिसंबर 2025 48.01 किग्रा गांजा 48 करोड़ रुपये 6 यात्री (बैंकॉक से)
    6 दिसंबर 2025 13.12 किग्रा गांजा 10.5 करोड़ रुपये 1 यात्री (बैंकॉक से)
    6 दिसंबर 2025 4.08 किग्रा गांजा 4.08 करोड़ रुपये 1 यात्री (बैंकॉक से)
    30 अक्टूबर 2025 11.92 किग्रा गांजा 11.92 करोड़ रुपये 1 यात्री (बैंकॉक से)
    24 अक्टूबर 2025 7.21 किग्रा गांजा 7.21 करोड़ रुपये 2 यात्री (बैंकॉक से)
    अगस्त 2025 24.81 किग्रा गांजा 24.8 करोड़ रुपये 1 यात्री (बैंकॉक से)
    दिसंबर 2024 156 कोकीन कैप्सूल 27 करोड़ रुपये 2 विदेशी (फिलीपींस से)

    गत एक साल में बैंकॉक मार्ग पर बढ़ी तस्करी

    साल 2025 के दौरान यह देखा गया है कि पकड़े गए नशीले पदार्थों, विशेषकर हाइड्रोपोनिक गांजे की खेप बैंकॉक (थाईलैंड) से सबसे ज्यादा भारत आ रही है। इसमें राजधानी दिल्ली के साथ ही मुंबई में भी इस एक साल में भारी मात्रा में बैंकॉक से ही तस्करी कर लाया गया है।

    कस्टम और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) अब इस गंभीर पहलू की जांच में जुटी है कि क्या विदेशी नशा तस्कर दिल्ली को एक ट्रांजिट हब (नशा भेजने का प्रमुख केंद्र) के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश रच रहे हैं। जांच का मुख्य केंद्र यह पता लगाना है कि क्या यह नशा केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए है या इसे यहां से अन्य देशों या राज्यों में भेजा जा रहा है।

    जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में पकड़े गए 90 प्रतिशत से अधिक गांजे की खेप बैंकॉक से ही आई है। थाईलैंड में गांजे के वैधीकरण के बाद से अंतरराष्ट्रीय तस्कर भारतीय युवाओं को कूरियर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

    सिंडिकेट का भंडाफोड़ और कड़ी निगरानी

    हाल ही में एक साथ 6 यात्रियों की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तस्कर अब बड़े सिंडिकेट के रूप में काम कर रहे हैं। कस्टम अधिकारियों के अनुसार बैंकॉक से आने वाली उड़ानों के यात्रियों और उनके सामान की अत्याधुनिक एक्स-रे मशीनों से जांच की जा रही है। पकड़े गए सभी आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है।

    एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि भारत में इन खेपों को रिसीव करने वाले मास्टरमाइंड कौन हैं। कस्टम विभाग का कहना है कि नशा तस्करों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए आइजीआइ एयरपोर्ट पर सुरक्षा और निगरानी के स्तर को और अधिक कड़ा कर दिया गया है।