‘लागत से ज्यादा टोल वसूली बंद हो’ याचिका पर हाई कोर्ट गंभीर, NHAI को हलफनामा दाखिल करने का आदेश
पटना हाई कोर्ट ने NHAI को लागत से ज्यादा टोल वसूली के खिलाफ याचिका पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कई टोल प्लाजा लागत वसूल होने के बाद भी अवैध रूप से टोल वसूल रहे हैं, जिससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। कोर्ट ने NHAI से स्पष्टीकरण मांगा है कि किन नियमों के तहत वसूली जारी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। निर्माण लागत की वसूली पूरे करने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली रोकने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता अब्दुल करीम अंसारी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने एनएचएआई को नाेटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी 2026 को होगी।
अब्दुल करीम अंसारी ने याचिका में कहा कि देश भर में 128 टोल प्लाजा हैं जहां आपरेटर पूरी परियोजना लागत वसूल चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी टोल वसूली जारी है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि कई मामलों में एकत्रित टोल की कुल राशि निर्माण लागत से कई गुना अधिक है।
याचिका में आंकड़े पेश करके कहा गया कि कुछ टोल प्लाजा पर टोल राजस्व परियोजना की निर्माण लागत से 50 गुना से भी अधिक हो गया है। ऐसे उदाहरण भी हैं जहां वसूली 2016 की शुरुआत में ही पूरी हो गई थी, लेकिन यहां पर अब भी टोल संग्रह जारी है।
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