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    दिल्ली में साइबर ठगों का आतंक, फर्जी GST आईडी से 70 करोड़ रुपये की ठगी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:50 AM (IST)

    बाहरी दिल्ली में साइबर ठगों ने दो लोगों के पैन और आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर लगभग 70 करोड़ रुपये का फर्जी जीएसटी कारोबार दिखाया। नरेला में एक व्यक्ति के नाम पर 20 करोड़ की बिक्री दर्ज हुई, जबकि बख्तावरपुर में दूसरे व्यक्ति के नाम पर 12 करोड़ का फर्जी पंजीकरण हुआ। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

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    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में जीएसटी धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मामलों में साइबर ठगों ने दो व्यक्तियों के पैन और आधार विवरण का दुरुपयोग कर उनके नाम पर करोड़ों रुपये के फर्जी व्यापारिक लेनदेन कर डाले। कुल मिलाकर ठगों ने करीब 70 करोड़ रुपये का फर्जी कारोबार दिखाकर बड़ा घोटाला किया।

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    पहला मामला बाहरी उत्तरी जिला के नरेला इलाके का है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने आयकर पोर्टल पर अपना अकाउंट जांचा तो पाया कि वित्त वर्ष 2024-25 में उनके नाम पर लगभग 20 करोड़ रुपये की जीएसटी बिक्री दर्ज है। आगे जांच करने पर पता चला कि मई 2023 से मार्च 2024 के बीच उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 40 करोड़ रुपये की और फर्जी बिक्री दिखाई गई थी।

    शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका इन लेनदेन या किसी भी संबंधित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। इस मामले में 22 अक्टूबर को बाहरी उत्तरी जिले के साइबर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।

    वहीं, दूसरा मामला बख्तावरपुर इलाके का है, जहां 53 वर्षीय व्यक्ति के आधार और पैन की जानकारी का दुरुपयोग कर 14 जनवरी को उनके नाम से फर्जी जीएसटी पंजीकरण कराया गया। ठगों ने इस नंबर का उपयोग कर करीब 12 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन दिखाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का अवैध लाभ लेने की कोशिश की।

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    पीड़ित ने संदेह जताया कि ठगों ने उनके मोबाइल नंबर को हैक कर ओटीपी वेरिफिकेशन को इंटरसेप्ट किया होगा। हालांकि, उनके फोन पर उस दिन कोई संदेश नहीं आया था। धोखाधड़ी का पता तब चला, जब वे आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श कर रहे थे। इस मामले में भी 18 अक्टूबर को साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

    पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगों ने पीड़ितों की निजी जानकारी कैसे हासिल की।