गाजियाबाद GST विभाग की बड़ी कार्रवाई, 350 करोड़ के फर्जी Invoice घोटाले का पर्दाफाश; मास्टरमाइंड गिरफ्तार
कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, सीजीएसटी गाजियाबाद ने 350 करोड़ से अधिक के फर्जी लेनदेन से जुड़े फर्जी इनवायस रैकेट का पर्दाफाश किया है। संजय लवान ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कर चोरी के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई में सीजीएसटी गाजियाबाद ने 350 करोड़ से अधिक के फर्जी लेनदेन से जुड़े फर्जी इनवाॅयस रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह कार्रवाई संजय लवानिया आयुक्त सीजीएसटी गाजियाबाद के नेतृत्व में की गई, जिसमें रैकेट के कथित मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है।
जांच में सामने आया है कि आरोपी ने 53.14 करोड़ की अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हासिल की। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी 12 अस्तित्वहीन (शेल) फर्मों के जरिए एक संगठित कर चोरी नेटवर्क चला रहा था। इन फर्जी फर्मों को विभिन्न माध्यमों से खरीदा गया और इनके नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी इनवॉयस जारी कर अवैध आइटीसी पास की गई।
जांच में पता चला है कि कई फर्जी जीएसटी पंजीकरण एक ही फर्जी नोटरी द्वारा तैयार किए गए जाली किरायानामा दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किए गए थे। इन्हीं नोटरी का उपयोग कर बनाई गई एक फर्जी फर्म को आरोपी स्वयं सक्रिय रूप से संचालित कर रहा था।
डिजिटल फोरेंसिक जांच में अहम सबूत मिले हैं। जहां फर्मों के संचालन में प्रयुक्त इआईपी पते, आरोपी के पैन से पंजीकृत अन्य कंपनियों के आइपी पतों से मेल खाते पाए गए। इससे आरोपी और फर्जी फर्मों के बीच डिजिटल कड़ी स्थापित हुई।
आरोपी के मुख्य व्यवसाय स्थल पर की गई तलाशी में सभी 12 फर्जी जीएसटी फर्मों से जुड़े साक्ष्य बरामद हुए। इन फर्मों के माध्यम से 350 करोड़ से अधिक के फर्जी इनवायस जारी किए गए और 53.14 करोड़ की अवैध आइटीसी पास की गई।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने इन फर्जी फर्मों को विभिन्न बिचौलियों के माध्यम से प्राप्त किया था। सीजीएसटी अधिकारियों के अनुसार, जाली दस्तावेज़ों के आधार पर फर्जी जीएसटी फर्मों के निर्माण और संचालन में शामिल व्यापक गिरोह की पहचान और उसे ध्वस्त करने के लिए जांच जारी है। इस मामले में और गिरफ्तारियाँ तथा राजस्व वसूली की कार्रवाई की संभावना जताई गई है।

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