कोहरे में पूरी तरह सुरक्षित रहेगी रेल यात्रा, दिल्ली मंडल में लगाई जाएंगी 1134 फाॅग सेफ्टी डिवाइस
सर्दी में कोहरे से ट्रेन परिचालन में बाधा आती है, जिसे दूर करने के लिए रेलवे ने तैयारी की है। रेल इंजनों में फाग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) लगाए जा रहे हैं, जो लोको पायलट को सिग्नल की जानकारी पहले ही दे देता है। दिल्ली मंडल में 1134 एफएसडी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे सुरक्षित ट्रेन परिचालन में मदद मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सर्दी में कोहरा पड़ने से सुरक्षित ट्रेन परिचालन बड़ी चुनौती होती है। ट्रेनों की गति बाधित होने के साथ ही दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसे ध्यान में रखकर रेलवे प्रशासन ने आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है।
इसके लिए रेलकर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही रेल इंजन में फाॅग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) लगाए जा रहे हैं। यह उपकरण लोको पायलट को सिग्नल आने से पहले सतर्क कर देता है।
घना कोहरा होने के कारण लोको पायलट को सिग्नल देखने में परेशानी होती है। इससे ट्रेन की गति धीमी करनी पड़ती है। अधिक घना कोहरा होने पर कुछ मीटर दूर से भी सिग्नल नहीं दिखता है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
इस स्थिति में सुरक्षित ट्रेन परिचालन में एफएसडी से मदद मिलती है। इसमें एक छोटा सा डिस्प्ले (टैबलेट जैसा) लोको पायलट के केबिन में लगा होता है। संबंधित रेलखंड का जीपीएस मैप पहले से फीड होता है।
प्रत्येक सिग्नल, व्हिसल बोर्ड, लेवल क्रासिंग, प्रतिबंधित गति वाले स्थान की पूरी जानकारी रहती है। इससे लोको पायलट को वास्तविक समय में पूरी जानकारी मिलती रहती है।
इस उपकरण से लोको पायलट को यह पता चल जाता है कि अगला सिग्नल कितनी दूरी पर है। सिग्लन के रंग की भी जानकारी मिल जाती है। डिस्प्ले के साथ ही आवाज (ऑडियो अलर्ट) से भी सिग्नल की दूरी के बारे में जानकारी मिलती है।
सिग्नल से पांच सौ मीटर पहले अलार्म के माध्यम से भी सतर्क किया जाता है। वास्तविक समय की जानकारी मिलने से लोको पायलट सतर्क रहता है।
पहले कुछ ट्रेनों में यह उपकरण लगाया जाता था। अब पैसेंजर व सुपरफास्ट ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ी में भी इसे लगाया जाता है। दिल्ली मंडल में 1134 एफएसडी उपलब्ध कराए गए हैं।
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