दिल्ली एटीसी में गड़बड़ी का असर मुंबई-कोलकाता समेत पूरे देश पर पड़ा, ग्रीन सिग्नल के बजाय होल्ड पर रखे विमान
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एटीसी सिस्टम में खराबी के कारण पूरे देश में उड़ानों में देरी हुई। मुंबई और कोलकाता सहित कई हवाई अड्डों पर इसका असर पड़ा। मुंबई एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की। एटीसी स्टाफ मैनुअल मोड में काम कर रहा है, जिससे उड़ानों के संचालन में अधिक समय लग रहा है।

गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बृहस्पतिवार शाम से शुरु हुई एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम की खराबी ने शुक्रवार सुबह आईजीआई सहित पूरे देश में उड़ानों की चाल को बुरी तरह प्रभावित कर दिया।
ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम में आई तकनीकी खराबी का असर मुंबई, बंगलुरु, जयपुर, लखनऊ, वाराणसी, चंडीगढ़ और अहमदाबाद सहित अन्य एयरपोर्ट पर फैल गया। दिल्ली उड़ान भरने को तैयार कई विमानों को इन एयरपोर्ट पर उड़ान के ग्रीन सिग्नल देने के बजाय होल्ड पर खड़ा कर दिया गया।
चेन रिएक्शन ने बढ़ाई मुश्किलें
आईजीआई देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है, जहां से रोज 1,500 से ज्यादा उड़ानें संचालित होती हैं। यहां की एटीसी में खराबी का असर पूरे देश के हवाई नेटवर्क पर पड़ा, क्योंकि दिल्ली कनेक्टिंग हब है। यहां से प्रस्थान की उड़ान में विलंब होने से डेस्टिनेशन एयरपोर्ट्स पर आगमन आगमन की उड़ानों में विलंब हुआ।
मुंबई एयरपोर्ट को जारी करना पड़ा एडवाइजरी
मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए दिल्ली में हुई तकनीकी गड़बड़ी का हवाला दिया और कहा कि कुछ उड़ानों में विलंब की स्थिति होगी। यात्री एयरपोर्ट के लिए रवाना होने से पहले संबंधित एयरलाइंस से उड़ान की स्थिति का पता कर लें।
मुंबई एयरपोर्ट की आगमन की करीब एक चौथाई उड़ानें विलंब से पहुंची। इनमें अधिकांश उड़ानें दिल्ली की रहीं। इन उड़ानाें में एक से दो घंटे की देरी दर्ज की गई। वहीं प्रस्थान के मामले में यहां ज्यादा असर नजर आया।
करीब दो तिहाई उड़ानें यहां की विलंबित की रहीं। इसकी सबसे बड़ी वजह दिल्ली से विमानों का विलंब से पहुंचना था। मुंबई में सुबह 10 बजे के बाद दिल्ली जाने को तैयार उड़ानों को होल्ड पर काफी देर तक खड़ा किया गया।
कोलकाता में भी असर
कोलकाता स्थित सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी दिल्ली से आने वाली उड़ानें विलंब से पहुंची। नतीजा यह हुआ कि दिल्ली से पहुंची उड़ानें जो कनेक्टिंग थीं, उनमें भी विलंब हुआ। और जिन उड़ानों को दिल्ली वापस लौटना था, वे भी विलंबित रहीं।
यहां करीब 53 प्रतिशत उड़ानों का आगमन विलंबित रहा। इसी तरह प्रस्थान की दो तिहाई की दो तिहाई उड़ानें विलंबित रहीं। यहां भी पूरे दिन यात्रियों को समय समय पर उदघोषणा के माध्यम से यह बताया जाता रहा कि दिल्ली में तकनीकी खराबी के कारण उड़ानों के आगमन व प्रस्थान पर असर पड़ रहा है।
स्थिति से कैसे हो रहा मुकाबला
आईजीआई एयरपोर्ट की एटीसी के एएएसएस में आई गड़बड़ी से निपटने के लिए एटीसी के स्टाफ अभी मैनुअली मोड में काम कर रहे हैं। सरल शब्दों में इसे समझने की कोशिश करते हैं। पहले पायलट या एयरलाइन कंप्यूटर में फ्लाइट प्लान डालती थी। एएमएसएस नाम का सॉफ्टवेयर उसे ऑटोमैटिक दिल्ली एटीसी को भेज देता था। यह पूरी प्रक्रिया दो सेकेंड से भी कम समय में पूरी हो जाती थी।
अब सॉफ्टवेयर खराब है, तो एयरलाइंस वाले फोन या ईमेल के माध्यम से एटीसी को उड़ान से जुड़ी जानकारी देते हैं। इसमें उड़ान संख्या, उड़ान का समय, ऊंचाई इत्यादि की जानकारी होती है। एटीसी इस जानकारी को दर्ज करता है। इस प्रक्रिया में 10 मिनट भी लग सकता है।
दर्ज जानकारी को एक बड़ी स्क्रीन या बोर्ड पर दर्ज किया जाता है। पायलट को समय पर एटीसी रेडियो के माध्यम से संदेश देता है। मैनुअल प्रक्रिया के तहत उड़ानों के संचालन के दौरान दो विमानों के बीच की दूरी को अधिक रखा जाता है।
ऐसा करने के लिए दो उड़ानों के बीच के समयांतराल को अधिक किया जाता है। इसे ऐसे समझें कि पहले 10 मिनट में 15 उड़ानें टेकऑफ या लैंड होती थी अब यह करीब आधी हो गई है।
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