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    भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर अब हर घुसपैठ होगी नाकाम, BSF ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बिछाया फाइबर का जाल

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-पाकिस्तान सीमा पर फाइबर ऑप्टिकल केबल आधारित सेंसर लगाने जा रहा है। यह तकनीक जमीन के नीचे बिछाई जाएगी और घुसपैठ की कोशिशों का पता लगाने में मदद करेगी। इससे घने कोहरे और खराब मौसम में भी सीमा सुरक्षा मजबूत होगी और घुसपैठियों को पकड़ना आसान हो जाएगा।

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    स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। देश घुसपैठ की समस्या से हमेशा जूझता रहा है। घुसपैठिये इसके लिए नए-नए तरीके ढूंढ़ते रहते हैं तो हमारे सुरक्षा बल उनकी काट तैयार करते रहते हैं। बाॅर्डर पर फेंसिंग की गई तो घुसपैठिये सुरंग बनाकर देश में दाखिल होने लगे। सीमा की सुरक्षा में जुटी बीएसएफ इस रास्ते से आने वाले घुसपैठियों को तभी पकड़ पाती थी, जब सुरंग के निकास का पता चल जाता था।

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    लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सीमा पर फाइबर का ऐसा जाल बिछाया जा रहा है, जिससे जमीन के 30 मीटर नीचे तक सुरंग हो या उसमें कोई गतिविधि, उसे पकड़ा जा सकेगा। इस जाल का नाम है फाइबर डिटेक्शन एंड रेजिंग सिस्टम।

    यह ऐसा सिस्टम है जो सिर्फ नीचे ही नहीं जमीन पर भी 50 मीटर तक की गतिविधियों को पकड़ने में सक्षम है। बीएसएफ दिल्ली की एक कंपनी एथेना इंटेलिजेंट सोल्यूशन के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रही है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक अब तक पंजाब और जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान से लगती 220 किलोमीटर की सीमा तक फाइबर डिटेक्शन एंड रेजिंग सिस्टम को लगाया जा चुका है।

    केंद्र सरकार शून्य घुसपैठ की नीति पर काम कर रही है। इसके तहत सीमाओं को सुरक्षित किया जा रहा है। सैन्य बलों की गश्त के साथ ड्रोन और राडार का भी सहारा लिया जा रहा है। पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ कर वारदात को अंजाम देते हैं। इसे देखते हुए फाइबर का जाल बिछाने का काम शुरू किया गया।

    करीब छह माह से यह प्रक्रिया चल रही थी। एथेना इंटेलिजेंट सोल्यूशन के वाइस प्रेसिडेंट विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) हिमांशु शेखर ने बताया कि यह प्रणाली जमीन की सतह से 30 मीटर नीचे तक किसी भी सुरंग या भूमिगत गतिविधि का पता लगाने में सक्षम है। इस तकनीक का सफल प्रदर्शन बीएसएफ अधिकारियों के समक्ष फील्ड ट्रायल के दौरान किया गया था।

    यह प्रणाली लगातार और वास्तविक समय में निगरानी प्रदान करती है। इससे भारत की सीमा सुरक्षा एवं घुसपैठ रोकथाम क्षमता को अत्यधिक सशक्त बनाने की उम्मीद है। इसके साथ यह अपने आसपास की गतिविधियों को भी पहचान कर निगरानी केंद्रों तक सूचना पहुंचाती है।

    फाइबर सिस्टम की खासियत

    • 30 मीटर जमीन के नीचे किसी भी हलचल को पकड़ने में सक्षम है यह सिस्टम
    • 50 मीटर की दूरी तक की गतिविधियों को भी कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगी

    कैसे काम करता है फाइबर डिटेक्शन एंड रेजिंग सिस्टम

    यह कम लागत की निगरानी प्रणाली है। जमीन पर या एक-दो मीटर की खोदाई कर फाइबर आप्टिकल केबल बिछाई जाती है। सेंसर प्रणाली से युक्त इन फाइबर की मदद से जमीन के 30 मीटर नीचे कदमों की आहट, खोदाई, सुरंग निर्माण से उत्पन्न कंपन और हलचल का पता लगाया जाता है। इसकी सूचना निगरानी केंद्र तक पहुंचती है।

    220 किलोमीटर में लगाया जा चुका है सिस्टम 

    220 किमी तक बिछाई गई इस प्रणाली का बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी जम्मू में जल्द ही औपचारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे। बीएसएफ के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।

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