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Kisan Andolan: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद प्रदर्शनकारियों ने गाजीपुर बार्डर से हटाए बैरिकेड

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने प्रदर्शनकारी किसान साथियों के साथ गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटाते नजर आए। इस दौरान यहां पर मौजूद मीडिया कर्मियों से कहा कि रास्ता किसान प्रदर्शनकारियों ने नहीं रोका है बल्कि पुलिस ने इन बैरिकेड के जरिये लोगों की आवाजाही रोकी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 01:50 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 02:08 PM (IST)
Kisan Andolan: गाजीपुर बार्डर किसानों ने हटाए बैरिकेड, कहा- हमने नहीं पुलिस ने रोका है रास्ता

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, जागरण डिजिटल डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने प्रदर्शनकारी किसान साथियों के साथ गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटाते नजर आए। इस दौरान यहां पर मौजूद मीडिया कर्मियों से कहा कि रास्ता किसान प्रदर्शनकारियों ने नहीं रोका है, बल्कि पुलिस ने इन बैरिकेड के जरिये लोगों की आवाजाही रोकी है। गौरतलब है कि राकेश टिकैत लगातार यह कहते रहे हैं कि दिल्ली-यूपी बार्डर पर रास्ता किसानों ने नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने रोका है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को किसान आंदोलन के चलते दिल्ली बार्डर पर रास्तों के बंद होने को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि लोगों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन सड़क नहीं रोकनी चाहिए। SC ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान किसान संगठनों से इस मामले में जवाब दाखिल करने के कहा है। अब इस मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किसान आंदोलन को लेकर नाराजगी जता चुका है, जिसके चलते दिल्ली बार्डर के कई रास्ते बंद हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली बार्डर पर प्रदर्शन को लेकर किसान संगठनों से पूछा था कि जब मामला अदालत में  है, तब किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।

बता दें कि केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत तमाम राज्यों के किसान 27 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक तीनों केंद्रीय कृषि कानून पूरी तरह से वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।

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सोनीपत के सिंघु बार्डर पर गई पंजाब के किसान की जान

इस बीच सोनीपत के सिंघु बार्डर पर आंदोलन में शामिल पंजाब के एक और किसान की मौत हो गई। किसान की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। आंदोलन में शामिल जान गंवाने वाला किसान करनैल सिंह पंजाब के पटियाला का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि वह 2 महीने पहले आंदोलन में शामिल होने आया था।

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यह भी पता चला है कि करनैल सिंह की तीन-चार दिन से तबीयत खराब थी। बुधवार रात को वे बेहोश हो गए।चिकित्सक बुलाकर जांच कराई तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मामले की सूचना कुंडली थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल में भिजवा दिया है।


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