Farmer Protest: यूपी गेट पर हलचल के बाद लोगों के हाथ लगी निराशा, आंदोलनकारियों ने किया 'नाटक'
Delhi UP Border Kisan Andolan Update भारतीय किसान यूनियन(टिकैट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने गाजीपुर बार्डर को खोलने का नाटक किया। दरअसल प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ दिखावा किया है। फ्लाईओवर के नीचे संपर्क मार्ग पर लगे एक टेंट का सिर्फ पन्नी खोला है।

गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। दिल्ली-यूपी बार्डर पर गुरुवार को बड़ी हलचल देखने को मिली। भारतीय किसान यूनियन(टिकैट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने गाजीपुर बार्डर को खोलने का नाटक किया। लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ दिखावा किया है। फ्लाईओवर के नीचे संपर्क मार्ग पर लगे एक टेंट का सिर्फ पन्नी खोला है। राष्ट्रीय राजमार्ग नौ, दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे और संपर्क मार्ग कि दिल्ली जाने वाली सभी लेन पर प्रदर्शनकारियों के टेंट पूर्व की भांति लगे हुए हैं।
यूपी गेट पर मीडिया के जमावड़े के बीच आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन स्थल पर लगे टेंट को हटाने का दिखावा किया। राकेश टिकैट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे गाजीपुर बार्डर को खाली कर रहे हैं। अब वे दिल्ली जाकर संसद भवन के सामने प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने दावा किया कि आंदोलनकारी रास्ता बंद नहीं किए हैं। पुलिस ही रास्ता रोक रही है।
दरअसल किसान संगठनों की तरफ से गुरुवार को मीडिया को फोन करके सूचना दी गयी कि हम रोड खाली कर रहे है और खाली करने के नाम गाजीपुर पर बनाए गए मीडिया हाउस का टेंट हटाया गया ताकि उसके पीछे का पुलिस का बैरिकेडिंग दिखाई दे और आरोप पुलिस पर लगे।
भाकियू मीडिया प्रभारी बोले फैलाई जा रही अफवाह
वहीं, भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने बयान जारी कर कहा कि कुछ समय से यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाजीपुर बार्डर खाली किया जा रहा है। यह पूर्णतया निराधार है, हम यह दिखा रहे है कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है। गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन स्थल खाली करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
बता दें कि दिल्ली-यूपी बार्डर पर किसान संगठनों के लोग कृषि कानून के खिलाफ करीब नौ महीने से धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व राकेश टिकैट कर रहे हैं। राकेश टिकैट कई बार दावा कर चुके हैं कि जब तक किसानों की मांगें नही मानी जाएगी आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि रास्ता बंद होने से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
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