दिल्ली के पटेल नगर में फर्जी इंश्योरेंस कॉल सेंटर का पर्दाफाश, ठगी का कारोबार चला रहा मालिक गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने पटेल नगर में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जहां वाहनों के इंश्योरेंस के नाम पर ठगी की जा रही थी। पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिक को गिरफ्तार कर 10 लाख रुपये, मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए हैं। यह गिरोह ऑनलाइन डेटाबेस से जानकारी निकालकर लोगों को फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी बेचता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मध्य जिले के एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने पटेल नगर में चल रहे एक फर्जी काॅल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान पटेल नगर के खेमचंद के रूप में हुई है, जो एमए पास है। इसके कब्जे से पुलिस ने 10 लाख नकद, 11 मोबाइल फोन, दो लैपटाॅप, फर्जी इंश्योरेंस पाॅलिसी लेटर और अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी रबर स्टैंप समेत अन्य सामान बरामद किया है।
इस फर्जी काॅल सेंटर में वाहनों की फर्जी इंश्योरेंस पाॅलिसी और इंश्योरेंस पाॅलिसी को रिन्यू कराने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा था। उसके फर्जी काॅल सेंटर में 11 लड़कियां काम कर रही थीं।
पुलिस ने पूछताछ के बाद इनको छोड़ दिया। आरोपी इनको आठ हजार रुपये महीना देने के अलावा इंश्योरेंस पाॅलिसी पर दो फीसदी कमीशन भी दता था। आरोपी ने अब तक कितनी फर्जी पालिसी की हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
मध्य जिले के पुलिस उपायुक्त के मुताबिक, एंटी नारकोटिक्स सेल में तैनात एसआई पंकज कुमार व हवलदार दिलशाद को खबर मिली थी कि पटेल नगर में एक फर्जी काॅल सेंटर चलाया जा रहा है। यहां पर वाहनों की एक्सपायर होने वाली इंश्योरेंस पाॅलिसी को रिन्यू करने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है।
तुरंत एक टीम का गठन कर टी-6, दूसरी मंजिल, पटेल नगर में छापेमारी गई। यहां एक कमरे में 11 लड़कियां बैठकर लोगों को काल कर रही थीं। पुलिस ने काॅल सेंटर के मालिक को भी यहां से दबोच लिया।
पूछताछ में आरोपी खेामचंद ने बताया कि वह उसने ऑनलाइन कार ओनर डेटाबेस से महज पांच रुपये में हर गाड़ी मालिक की पूरी डिटेल प्राप्त कर ली थी। इसमें इंश्योरेंस पॉलिसी और उनके पसर्नल मोबाइल नंबर भी शामिल थे। आरोपी इस डेटा के अनुसार काॅल सेंटर की लड़कियों से कस्टमर को काॅल करवाता था।
लड़कियां के मोबाइल पहले रखवा लिए जाते थे। आरोपी अपने कीपेड फोन से कस्टमर को काल करवाता था। बाद में पाॅलिसी रिन्यू करने के नाम उनको वाॅट्सएप या कैश ऑन डिलीवरी के माध्यम से पाॅलिसी देकर पैसे अपने अकाउंड में ट्रांसफर करवाई जाती थी। अपने अकाउंट में पैसे आने के बाद आरोपी रकम को तुरंत निकाल लेता था।
जो भी युवती पाॅलिसी करती थी, उसको दो फीसदी कमीशन दिया जाता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। इन सभी लड़कियों को महज आठ हजार रुपये सैलरी दी जाती थी। पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है।

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