जेपी इंफ्राटेक के पूर्व एमडी की मुसीबत बढ़ी, ED की कस्टडी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
जेपी इंफ्राटेक के पूर्व एमडी मनोज गौड़ को मनी लांड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। ईडी ने उन्हें निवेशकों से धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि गौड़ की कंपनियों ने घर खरीदारों से 32,825 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें से बड़ी रकम का इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए किया गया, जिससे हजारों खरीदारों को फ्लैट नहीं मिल पाए।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) मनोज गौड़ की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार गौड़ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मनोज गौड़ की पांच दिन की ईडी हिरासत समाप्त होने पर ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था।
ईडी ने 13 नवंबर को ग्रेटर नोएडा के बिल्डर मनोज गौड़ को उनके प्रोजेक्ट्स में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लान्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की ईडी कस्टडी में भेजा था।
एजेंसी का आरोप है कि कंपनियों ने भारी रकम विभिन्न फर्मों और निजी खातों में ट्रांसफर की, जिसके कारण हजारों घर खरीदारों को अब तक उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पाया। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई प्राथमिकी दर्ज हैं, जिसमें निवेशकों ने कहा कि उन्हें तय समय पर घर नहीं मिला और उनकी पूंजी अटक कर रह गई।
ईडी ने बताया कि मनोज गौड़ की कंपनियों ने घर खरीदारों से कुल 32,825 करोड़ रुपये जुटाए, जिनमें से लगभग 13,833 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया। वहीं, केवल 18,000 करोड़ रुपये ही निर्माण कार्यों पर खर्च किए गए।

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