'दिल्ली दंगों की जांच कर रही SIT से Delhi Police को रखें बाहर', HC ने सभी FIR की स्टेटस रिपोर्ट मांगी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित प्राथमिकियों की जांच पर दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने जांच की प्रगति और दर्ज प्राथमिकियों की संख्या की जानकारी देने का निर्देश दिया है। याचिकाओं में स्वतंत्र जांच दल (एसआईटी) गठित करने और भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान हुई हिंसा के संबंध में हुई प्राथमिकियों की जांच के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए स्थगित करते हुए जांच की स्थिति के साथ ही मामले में हुई प्राथमिकियों की संख्या सहित अन्य जानकारी पेश करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को हिंसा के विवरण से अवगत कराया, तो पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि प्राथमिकी पहले ही हो चुकी हैं। पुलिस पहले से ही जांच कर रही है। इसमें कुछ भी शेष नहीं है।
इस पर तर्क दिया गया कि दिल्ली पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं है और इसलिए स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। जवाब में न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने कहा कि इसे मजिस्ट्रेट के समक्ष चुनौती दिया जाना चाहिए और मजिस्ट्रेट इसकी निगरानी करेंगे।
पीठ ने कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में वैकल्पिक उपाय होने के बावजूद याची ने इसका लाभ नहीं उठाया है। याचिकाएं बिना किसी कारण के इतने लंबे समय से लंबित हैं।
अदालत ने उक्त टिप्पणी दंगों की स्वतंत्र एसआईटी जांच, भड़काऊ भाषणों के लिए राजनेताओं के खिलाफ प्राथमिकी करने और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली कई याचिकाओं पर की। याचिका पर अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दायर कर सर्वोच्च न्यायालय या दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल द्वारा मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
इसमें मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस के सदस्यों को इस एसआईटी से बाहर रखा जाए। वहीं, एक अन्य याचिका शेख मुज्तबा द्वारा दायर की गई है, इसमें दंगों को भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण देने के लिए भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और जांच की मांग की गई है।
लायर्स वायस द्वारा दायर याचिका में कई अन्य राजनेताओं के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा भी विभिन्न मांगों को लेकर अन्य याचिका दायर की गई है।
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