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    गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस को लेकर मचा घमासान, डीएसजीएमसी और अकाली दल आमने-सामने  

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 09:26 PM (IST)

    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष ने अकाली दल पर सिख परंपराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। यह विवाद गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें बलिदान दिवस के कार्यक्रमों को लेकर है। डीएसजीएमसी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने अकाली दल पर दिल्ली की संगत को विभाजित करने का आरोप लगाया है। एसजीपीसी अध्यक्ष के साथ मुलाकात के बाद भी विवाद का समाधान नहीं हो सका है।

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    गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस को लेकर मचा घमासान, डीएसजीएमसी और अकाली दल आमने-सामने। आकाईव

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले वर्ष दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) का चुनाव है। इसका असर गुरु तेग बहादुर साहिब के 350 वें बलिदान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर पड़ रहा है। इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है।

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    डीएसजीएमसी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) पर अलग आयोजन कर दिल्ली के संगत को बांटने का आरोप लगाया है। डीएसजीएमसी द्वारा इस पवित्र अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

    मुख्य आयोजन 23 से 25 नवंबर तक लाल किले पर होगा। कालका शिरोमणि अकाली दल पर अलग से कार्यक्रम आयोजित करने गलत परंपरा शुरू करने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि परंपरा अनुसार के अनुसार गुरु से जुड़े स्थान पर ही संबंधित कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

    सभी लोग उसमें सहयोग करते हैं। गुरु तेग बहादुर जी का दिल्ली में बलिदान और अंतिम संस्कार हुआ था। उन स्थानों पर गुरुद्वारा शीशगंज साहिब व गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब है। इस कारण उनके 350 वें बलिदान दिवस पर डीएसजीएमसी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके विपरीत अकाली दल अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर गलत परंपरा की शुरुआत कर रहा है।

    पिछले दिनों कालका व अन्य नेता शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से मिले थे। उसके बाद भी विवाद नहीं सुलझ सका।

    डीएसजीएमसी के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का आरोप है कि इस अवसर पर असम के धुबरी साहिब गुरुद्वारा से निकलने वाले नगर कीर्तन के राजधानी में विश्राम को लेकर शिअद बादल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना अपने स्तर पर 24 अक्टूबर को गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब और 25 अक्टूबर को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की रूपरेखा तैयार कर उसका प्रचार कर रहे हैं।

    इंडिया हैबिटेट सेंटर में 18 अक्टूबर को प्रस्तावित सेमिनार के आयोजन को लेकर भी विवाद है।डीएसजीएमसी के पदाधिकारियों ने इसे लेकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि के रेस्तरां में शराब व मांसाहार परोसा जाता है।

    ऐसे स्थल पर गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस को लेकर आयोजन नहीं होना चाहिए। वहीं, सरना का कहना है कि इस तरह का आय़ोजन दिल्ली में पहले कभी नहीं हुआ। वह संगत को इसमें आमंत्रित कर रहे हैं।

    कई सिख नेताओं का कहना है कि अगले वर्ष के शुरू में डीएसजीएमसी चुनाव होने की संभावना है। इस कारण डीएसजीएमसी प्रबंधकों व अकाली दल के नेताओं के बीच राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।

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