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    Delhi Blast: डीएनए परीक्षण से होगी आतंकी डॉ. उमर के अंगों की पहचान, जांच एजेंसियों ने लिए स्वजन के ब्लड सैंपल

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 11:01 PM (IST)

    लाल किले के बाहर हुए धमाके में आतंकी उमर मोहम्मद की मौत की पुष्टि के लिए पुलिस डीएनए जांच कराएगी। पुलिस को शक है कि उमर ने आत्मघाती हमला किया। डीएनए मिलान के लिए परिवार के खून के नमूने लिए गए हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और बम में इस्तेमाल केमिकल की जांच कर रही है। एजेंसियां मॉड्यूल की प्लानिंग का पता लगाने में जुटी हैं।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर आई-20 कार में हुए धमाके में जम्मू कश्मीर, पुलवामा के रहने वाले आतंकी डाॅ. उमर मोहम्मद की मौत हुई या नहीं, इस बारे में पता लगाने के लिए पुलिस उमर का डीएनए जांच कराएगी। पुलिस को शक है कि उमर ने आत्मघाती बनकर धमाका किया, जिसमें उसकी और कार के परखच्चे उड़ गए।

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    मौके से कई मानव अंग मिले हैं, जिन्हें अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया गया है। डीएनए जांच के मिलान के लिए पुलिस ने उमर के स्वजन के डीएनए का पता लगाने के लिए खूून के नमूने लिए हैं। उनके डीएनए के नमूने से मौके से बरामद मानव अंगों के डीएनए का मिलान कराया जाएगा। डीएनए का मिलान हो जाने पर पुलिस को पता लग सकेगा कि धमाके को उमर ने ही आत्मघाती बनकर अंजाम दिया और उसमें भी उसकी मौत हो गई।

    पुलिस फरीदाबाद सीमा पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के अलावा लाल किला की तरफ आने वाली सभी संभावित सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरोें के फुटेज खंगाल रही है ताकि उससे यह पता लग सके कि लाल किला तक आने के लिए उसने किन-किन मार्गों का इस्तेमाल किया। पुलिस की कई टीमें कैमरे को खंगालने में जुटी हुई है।

    पुलिस की थ्योरी यह कह रही है कि रविवार व सोमवार को फरीदाबाद में रेड होने पर जब उमर के सभी साथी पकड़े जाने लगे। उनकी निशानदेही पर सभी विस्फोटक व हथियार जब्त हो गए तब उमर परेशान हो गया। उसे लगा कि पकड़े जाने पर वह कभी जेल से बाहर नहीं निकल पाएगा, उसे मौत की सजा मिल सकती है।

    इस डर से वह अकेला ही कार से जहां-तहां घूमता रहा। उसके मन में यह बात आइ हो कि पकड़े जाने पर जब उसे मरना ही है तब उसने आत्मघाती हमला करके ही मरना उचित समझा और लाल किला के बाहर आकर इस तरह की घटना को अंजाम दे दिया।

    पुलिस का कहना है कि जब उसके साथी पकड़े गए तब पुलिस से बचने के लिए उसने अपना फोन बंद कर लिया। उसके फोन के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही कि जिस शक्तिशाली बम का इस्तेमाल उमर ने आत्मघाती हमले में किया उसे कब और कहां बनाया गया।

    पुलिस का यह भी कहना है कि बम में अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल करने से अधिक जानमाल का नुकसान नहीं होता है। निश्चित तौर पर बम बनाने में किसी बेहद शक्तिशाली केमिकल का इस्तेमाल किया गया, जिससे इतना तेज धमाका हुआ और कार के परखच्चे उड़ गए।

    जांच एजेंसियां उस केमिकल के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस को अब तक इस मॉड्यूल की प्लानिंग के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है कि इनकी योेजना कहां-कहां बम धमाका करने की थी। सभी केंद्रीय एजेंसियां व दिल्ली पुलिस इस मॉड्यूल की योेजना के बारे में पता करने की कोशिश कर रही है।

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