कमीशन पर ठगों को बैंक खाते मुहैया कराते थे बदमाश, गुजरात-झारखंड से गिरफ्तार
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों के तीन मददगारों को गुजरात और झारखंड से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी कमीशन पर जालसाजों को अपने बैंक खाते मुहैया कराते थे, जिनमें ठगी की रकम डाली जाती थी। पुलिस ने इनके कब्जे से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं और आगे की जांच कर रही है।

कमीशन के एवज में ठगों को खाता करवाते थे मुहैया
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से ठगी करने वाले जालसाजों के तीन मददगार को पश्चिम जिला पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। आरोपितों को जिले की साइबर थाना पुलिस ने गुजरात और झारखंड से गिरफ्तार किया है।
आरोपित कमिशन पर जालसाजों को अपना बैंक खाता मुहैया करवाते थे, जिसमें ठगी की रकम डाली जाती थी। बाद में आरोपित अपना कमीशन लेकर जालसाजों को पैसा ट्रांसफर कर देते थे। पुलिस गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर ठगी के इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल
पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त दरादे शरद भास्कर ने बताया कि 19 जुलाई को नर्सिंग अधिकारी देबजानी दास चौधरी ने पश्चिम जिला साइबर थाने में ठगी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने वाट्सएप कॉल किया। खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उनका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग में आने की बात कही।
जांच के बहाने आरोपितों ने उन्हें व्हाट्सएप पर वीडियो निगरानी में रखा और उनके बैंक खाते की जानकारी लेकर धोखे से उनके खाते से सात लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए। पीड़ित के बयान पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया।
70 प्रतिशत गुजरात में
साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास बुलडक के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उन बैंक खातों की जांच की, जिसमें रकम डाली गई थी। जांच में पता चला कि ठगी की राशि का 30 प्रतिशत झारखंड स्थित मुथूट गोल्ड लोन खाते में और 70 प्रतिशत गुजरात के सुरेंद्रनगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर किया गया है।
पुलिस ने इन बैंक शाखाओं के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें पता चला कि आरोपित ने चेक के जरिये खाते से पैसे निकाले हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने झारखंड और गुजरात में छापे मारे।
झारखंड से जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। वहीं पुलिस ने गुजरात से शोएब मुल्तानी और असलम मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपित जालसाजों के लिए कमीशन पर खाते खोलने, धन निकालने और धन हस्तांतरित करने में शामिल हैं।
आरोपितों ने बताया कि ठगी के एक मामले में उन्हें रकम की दो से चार फीसदी कमीशन के तौर पर दिया जाता था। शोएब मुल्तानी गुजरात में एक ट्रैक्टर कंपनी में सेल्समैन का काम करता था, वहीं असलम मुल्तानी गुजरात में एक डेरी फार्म चलाता था।
पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन और पांच सिम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपितों की बैंक खाता के खिलाफ गृह मंत्रालय की नेशनल क्राइम पोर्टल पर विभिन्न राज्यों से 14 शिकायतें दर्ज हैं।

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