गैस चैंबर क्यों बनी दिल्ली? सामने आई तस्वीर ने खोली PWD की पोल; ग्रेप-4 के नियमों की खूब उड़ रहीं धज्जियां
पूर्वी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हालात गंभीर हैं। ग्रेप-4 लागू होने के बावजूद, यमुनापार में निर्माण कार्य जारी हैं और सड़कों पर मलबा डाला जा ...और पढ़ें
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कड़कड़ी मोड़ के पास सड़क पर लगे मलबे के ढेर। जागरण
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है। प्रदूषण का स्तर इस कद्र पहुंच गया है कि स्कूलों की छुट्टियां करवानी पड़ गई हैं। प्रदूषण के कारण लोग खांस रहे हैं। मास्क पहनना उनकी मजबूरी बन गया है। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-चार लागू है।
ग्रेप के प्रतिबंध कड़े हैं लेकिन, यह प्रतिबंध यमुनापार में हवा हवाई साबित हो रहे हैं। रिहायशी क्षेत्रों में मकान धड़ल्ले से बन रहे हैं। सड़कों पर आम दिनों की तरफ मलबा डाला जा रहा है। आरोप है पीडब्ल्यूडी ने लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए मलबा साइट पर बोर्ड लगा दिए हैं, मलबा डालते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी की उस चेतवानी का भी कुछ असर नहीं हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि खुले में डाले जाने वाले मलबे से भी वायु प्रदूषण बढ़ता है।
यमुनापार में आनंद विहार प्रदूषण का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट है। प्रदूषण को काबू करने के लिए 76 टीमें बनाई गई हैं। सड़क पर मलबा डाले जाने का सिलसिला यहां जारी है। यह हाल उस वक्त है, जब दिल्ली प्रदूषण को लेकर अलर्ट पर है। ग्रेप-चार लागू है।
आनंद विहार, गाजीपुर, कड़कड़ी मोड़, शास्त्री पार्क, हसनपुर, गाजीपुर थाने के पास, राजीव कॉलोनी, मुल्ला कॉलोनी के पास धड़ल्ले से लोग अपने घरों व दुकानों का मलबा डाल रहे हैं। निगम व पीडब्ल्यूडी दावा कर रहा है कि उसकी टीमें सक्रिय हैं।
वहीं, सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकारी विभागाें की टीमें वाकई में सक्रिय हैं तो सड़को पर मलबा डल कैसे रहा है। जो लोग डाल रहे हैं, उनके खिलाफ ग्रेप के तहत क्या कार्रवाई हो रही है। चौहान बांगर, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, गांधी नगर, पुराना सीलमपुर, वेलकम, जनता कॉलोनी, शाहदरा समेत कई क्षेत्रों में मकान बनाने का काम चल रहा है। जबकि ग्रेप की वजह से निर्माण कार्य पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। भवन निर्माण सामग्री सड़कों के किनारे खुली पड़ी है। किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
प्रतिबंध के बाद भी लकड़ी व कोयला जल रहा
प्रदूषण के कारण लकड़ी व कोयला जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। लेकिन इस प्रतिबंध की धज्जियां यमुनापार में उड़ रही हैं। नॉनवेज की की दुकानों पर चिकन व कबाब कोयले पर सेका जा रहा है। यह काम देर शाम को शुरू होते हैं। तब निगम व प्रशासन की टीमें ड्यूटी खत्म कर अपने घर पहुंच जाती हैं। मूंगफली बेचने वाले भी लकड़ी जला रहे हैं।
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सड़कों पर मलबा न डाला जाए, इसको लेकर निगम के अधिकारियों के साथ बातचीत की जाएगी। निर्देश दिए जाएंगे कि जो भी प्रदूषण फैला रहा है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। - राम किशोर शर्मा, चेयरमैन शाहदरा दक्षिणी जोन

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