'दिल्ली प्रदूषण के कारण सैर के बाद सांस लेने में हो रही दिक्कत', वर्चुअल सुनवाई पर विचार कर रहे CJI
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने गंभीर वायु प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई सिर्फ वर्चुअल तरीके से करने की संभावना पर विचार करते हुए कहा कि एक दिन पहले जब वह एक घंटे की सैर पर गए थे, तो उन्होंने खुद को अस्वस्थ महसूस किया था।

प्रदूषण के चलते सिर्फ वर्चुअल सुनवाई पर विचार कर रहे सीजेआई (फोटो- एक्स)
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने गंभीर वायु प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई सिर्फ वर्चुअल तरीके से करने की संभावना पर विचार करते हुए कहा कि एक दिन पहले जब वह एक घंटे की सैर पर गए थे, तो उन्होंने खुद को अस्वस्थ महसूस किया था।
उन्होंने कहा कि वह बार से परामर्श के बाद निर्णय करेंगे। इसके बाद 60 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं के लिए वर्चुअल तरीके से सुनवाई की अनुमति देने का विचार अदालत में रखा गया। इस समय शीर्ष अदालत 'हाइब्रिड मोड' में काम करती है, जिसके तहत सामान्य और डिजिटल, दोनों तरीकों से सुनवाई होती है।
जस्टिस सूर्यकांत ने यह टिप्पणी तमिलनाडु, केरल, बंगाल और अन्य राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की शुरुआत में की। आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी थी।
द्विवेदी ने कहा, मुझे प्रदूषण से दिक्कत है। कृपया मेरे सहकर्मी को नोट लेने की अनुमति दें। मैं अगली तारीख पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होना चाहता हूं।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सहमति जताते हुए कहा कि इस उम्र में हम इस खराब हवा में सांस ले रहे हैं, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 400-500 है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा-अगर मैं कोई फैसला लेता हूं, तो पहले बार को भरोसे में लूंगा। हम वकीलों और मुकदमा लड़ने वालों को होने वाली मुश्किलों को देखेंगे। अगर कोई प्रस्ताव मिलता है, तो हम कुछ करेंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।