Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    दिल्ली-एनसीआर में हर 4 में 3 शख्स पूछ रहा- सिर में दर्द और आंखों में जलन क्यों है; जवाब- ये स्मॉग है जनाब

    By Agency PTIEdited By: Neeraj Tiwari
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 07:51 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक ऑनलाइन सर्वे में पाया गया कि चार में से तीन लोग सिरदर्द, आंखों में जलन और गले में खराश से परेशान हैं। प्रदूषण का स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है, जिससे निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग प्रदूषण से बचने के लिए कई उपाय कर रहे हैं।

    Hero Image

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की हवा के जहरीली अवस्था में पहुंचने के बाद एक ऑनलाइन सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, हर चार में तीन आदमी सिरदर्द और आंखों में जलन समेत खराश-खांसी व नींद न आने के चलते परेशान है। इसका जवाब है दिल्ली में स्मॉग के जरिये सांसों में घुलता जहर जो वे जाने-अनजाने ही अपने शरीर में लेते जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन बीमारियों ने बनाया 'डेरा'

    लोकलसर्कल्स के एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में चार में से तीन परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभावों का सामना कर रहे हैं। आम शिकायतों में गले में खराश, खांसी, आंखों में जलन, सिरदर्द और नींद में खलल शामिल हैं।

    सर्वे में 44,000 से अधिक लोग शामिल

    सर्वेक्षण में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 44,000 से अधिक निवासियों ने भाग लिया। 42 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि उनके एक या अधिक सदस्यों को गले में खराश या खांसी है, जबकि 25 फीसद ने कहा कि परिवार के सदस्यों को आंखों में जलन, सिरदर्द या नींद में कठिनाई हो रही है।

    पीएम का स्तर पांच वर्षों में सर्वाधिक

    वहीं, लगभग 17 प्रतिशत ने सांस लेने में तकलीफ या अस्थमा के बढ़ने की शिकायत की।प्रदूषण के स्तर में वृद्धिकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा विश्लेषण से पता चला कि दिवाली के बाद, पीएम 2.5 का स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक और उत्सव से पहले के स्तर 156.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से तीन गुना से अधिक है।
    रातों रात बदल गई परिस्थिति

    प्रदूषण का स्तर 20 अक्टूबर की रात और अगली सुबह को चरम पर था। शनिवार सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई/AQI) "खराब" श्रेणी में 261 था, जो एक दिन पहले 290 था। हालांकि, आनंद विहार में AQI "गंभीर" श्रेणी में 415 दर्ज किया गया, जो सभी निगरानी स्टेशनों में सबसे अधिक था।

    निवासियों की प्रतिक्रिया

    लोकलसर्कल्स के अनुसार, 44 प्रतिशत परिवार बाहर जाने से बच रहे हैं और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन बढ़ा रहे हैं। लगभग एक-तिहाई उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए डॉक्टर से परामर्श किया है या करने की योजना बना रहे हैं।

    स्टबल बर्निंग में कमी, फिर भी खराब हवा

    पंजाब और हरियाणा में बाढ़ और देर से फसल कटाई के कारण स्टबल बर्निंग की घटनाओं में 77.5 प्रतिशत की कमी आई है। फिर भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। कई क्षेत्रों में एक्यूआई 400 को पार कर गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के पीएम 2.5 जोखिम के लिए अनुशंसित स्तर से लगभग 24 गुना अधिक है।

    सुझाव और उपाय

    लोकलसर्कल्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि निवासी "जहरीली हवा का प्रभाव पहले से ही महसूस कर रहे हैं" और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े प्रदूषण-रोधी उपायों की मांग की है, जिसमें स्मॉग गन का उपयोग और रात में सफाई करके धूल को कम करना शामिल है।

    यह भी पढ़ें- एक्यूआई 270 पार देख ग्रेटर नोएडा में कूड़ा जलाने पर सख्ती, प्रदूषण नियंत्रण के लिए 9 टीमें तैनात