दिल्ली में Winter Action Plan जारी होने के साथ ही लागू, सात थीम के जरिये प्रदूषण नियंत्रण का दावा
दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए विंटर एक्शन प्लान जारी किया है, जिसका उद्देश्य अक्टूबर से फरवरी तक प्रदूषण को नियंत्रित करना है। इस योजना में सड़क की धूल, वाहन उत्सर्जन, उद्योग, कचरा प्रबंधन और खुले में आगजनी जैसे सात प्रमुख विषय शामिल हैं। 30 से अधिक एजेंसियां मिलकर काम करेंगी, और ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से नागरिक भी सहयोग कर सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने जारी किया सात थीम पर आधारित विंटर एक्शन प्लान
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। थोड़ा देर से ही सही, दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार शाम 2025-26 के लिए विंटर एक्शन प्लान जारी कर दिया। यह प्लान तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। अक्टूबर से फरवरी तक होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए रस प्लान में सात प्रमुख थीम एवं 25 एक्शन बिंदु शामिल हैं।
ये एक्शन बिदु हैं- सड़क की धूल एवं निर्माण प्रबंधन, वाहन उत्सर्जन, उद्योग व ऊर्जा क्षेत्र, कचरा व खुले में आगजनी, नागरिक भागीदारी व निगरानी और ग्रीन इनोवेशन। यह कार्रवाई दिल्ली की 30 से अधिक एजेंसियों के समन्वय से की जाएगी।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी कदम तय समयसीमा में पूरे हों और ग्रीन वार रूम से उनकी रियलटाइम माॅनिटरिंग भी हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभाग पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे रोज समन्वय बनाकर काम करें।
बकौल मंत्री, “दिल्ली के लोग भी इस मुहिम में हमारे साथी हैं— ग्रीन दिल्ली एप का इस्तेमाल करें। ग्रैप की एडवाइजरी का पालन करें और जहां संभव हो, सार्वजनिक परिवहन या ईवी अपनाएं।”
सड़क धूल और निर्माण प्रबंधन
- 86 मैकेनिकल रोड स्वीपर, 300 स्प्रिंकलर और 362 एंटी-स्मांग गन पहले से ही तैनात हैं।
- 70 और नए स्वीपर व उपकरण जोड़े जा रहे हैं।
- सभी बड़ी सड़कों की वैक्यूम क्लीनिंग होगी, रूट जीपीएस से ट्रैक किए जाएंगे।
- 500 वर्गमीटर से बड़े हर निर्माण प्रोजेक्ट के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- 3,000 वर्गमीटर से बड़े प्रोजेक्ट और छह मंजिली इमारतों के लिए एंटी-स्माग गन लगाना जरूरी।
- 698 किलोमीटर सड़क किनारे पेविंग और 85 किमी मिड-वर्ज ग्रीनिंग का लक्ष्य तय।
वाहन उत्सर्जन नियंत्रण
- 578 प्रवर्तन टीमें सड़कों पर धुआं, पीयूसी और इंजन चालू रखे जाने के उल्लंघन पर निगरानी कर रही हैं।
- 953 पीयूसी केंद्र अब ट्रांसपोर्ट विभाग के डैशबोर्ड से लाइव जुड़े हैं।
- गंभीर प्रदूषण स्तर (ग्रैप के तीसरा और चौथा चरण) पर पार्किंग शुल्क दोगुना होगा ताकि निजी वाहनों का प्रयोग घटे।
- डीएमआरसी की ई-ऑटो फ्लीट बढ़कर 2,299 होगी, नए पंजीकरणों में ईवी का हिस्सा 12 प्रतिशत से ऊपर रहेगा।
- प्रदूषित ट्रकों की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट और सीएक्यूएम के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
उद्योग और ऊर्जा क्षेत्र
- दिल्ली के सभी उद्योग अब पीएनजी पर चल रहे हैं, डीएसआईआईडीसी और डीपीसीसी की संयुक्त टीम अनधिकृत ईंधन पर सख्ती करेगी।
- केवल ड्युअल-फ्यूल या उत्सर्जन-अनुपालक डीजी सेट ही चलाने की अनुमति है; आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।
- पुनर्विकास क्षेत्रों की इकाइयों के लिए फिर से “कंसेंट मैनेजमेंट सिस्टम” लागू किया गया है।
कचरा प्रबंधन और खुले में जलाना
- 443 टीमें 24 घंटे सातों दिन गश्त पर हैं ताकि कचरा या बायोमास जलाने की घटनाओं को रोका जा सके।
- 2025 में किसी भी लैंडफिल में आग नहीं लगी, स्थायी वाच टावर और हाइड्रेंट लगाए गए हैं।
- अब तक 136.27 लाख टन पुराने कचरे की बायोमाइनिंग हो चुकी है।
- ओखला (जुलाई 2026), भलस्वा (दिसंबर 2026) और ग़ाज़ीपुर (दिसंबर 2027) की समयसीमा तय।
- 7,834 टीपीडी की मौजूदा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट क्षमता में 7,000 टीपीडी और जुड़ने जा रहे हैं।
- 300 टीपीडी बायोगैस प्लांट चालू, 1,050 टीपीडी अतिरिक्त क्षमता जल्द ओखला, गोयला आदि में।
खेती अवशेष और स्थानीय जलाना
- दिल्ली क्षेत्र के खेतों में 100 प्रतिशत पूसा डिकम्पोजर का छिड़काव पूरा किया जा रहा है ताकि पराली जलाने की जरूरत न पड़े।
- 11 दिन में और पांच रात मोबाइल पेट्रोल टीमें रियल टाइम रिपोर्टिंग कर रही हैं।
- 1,407 आरडब्ल्यूए को दो-दो हीटर दिए गए हैं ताकि सुरक्षा गार्ड आग न जलाएं।
दीवाली 2025 के लिए पटाखा नियंत्रण
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश (15 अक्टूबर 2025) के अनुसार दिल्ली में केवल नीरी-प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बेचे व चलाए जा सकेंगे।
- 18 और 19 अक्टूबर को, सुबह छह से सात बजे और रात आठ से 10 बजे के बीच, तय लाइसेंस प्राप्त स्थलों पर।
- केवल क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखे मान्य होंगे, अवैध स्टाॅक जब्त होगा और उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई होगी।
- प्रवर्तन दिल्ली पुलिस, राजस्व विभाग और डीपीसीसी द्वारा पर्यावरण विभाग की निगरानी में होगा।
निगरानी, नागरिक सहभागिता और नवाचार
- ग्रीन दिल्ली एप के माध्यम से अब तक 96,000 से अधिक शिकायतें निपटाई गई हैं, प्रतिक्रिया समय और घटाया जा रहा है।
- मार्च 2026 तक छह नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन शुरू होंगे।
- आईआईटी कानपुर और आईएमडी के साथ क्लाउड सीडिंग का पायलट प्रोजेक्ट प्रस्तावित है ताकि आपात स्थिति में प्रदूषण घटाने के वैज्ञानिक विकल्प जांचे जा सकें।
यह भी पढ़ें- दीवाली पर स्माॅग फुलाएगा दिल्ली का दम, हवा की रफ्तार धीमी होने पर मौसम विभाग ने दिया तीन दिन का अलर्ट
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।