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    दिल्ली को बनाएं दुनिया की सर्वश्रेष्ठ राजधानी, संविधान स्वीकृति की 75वीं वर्षगांठ पर बोले उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:24 PM (IST)

    उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने दिल्ली को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ राजधानी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने संविधान स्वीकृति की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने संविधान को एक 'लिविंग डाॅक्यूमेंट' बताया और लोकतंत्र को मजबूत करने में नागरिकों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने बिहार चुनावों 2025 में महिलाओं की भागीदारी को भी सराहा।

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली को उत्कृष्टता का वैश्विक मानक स्थापित करना चाहिए, यह टोक्यो, लंदन या अमेरिका के किसी शहर की जगह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ राजधानी के रूप में उभरे। यह बात उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने संविधान स्वीकृति की 75वीं वर्षगांठ तथा विशेष रूप से तैयार की गई 'दिल्ली विधानसभा की प्रस्तुति शताब्दी–यात्रा, वीर विट्ठलभाई पटेल' काफी टेबल बुक के अनावरण अवसर पर कही।

    यह विशेष पुस्तक 24 अगस्त 1925 को केंद्रीय विधान सभा के प्रथम भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष बने विट्ठलभाई पटेल के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तैयार की गई है। इस अवसर पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने की।

    संविधान दिवस के अवसर पर उपराज्यपाल सक्सेना ने उपस्थित नागरिकों को शपथ दिलाई तथा भारत सरकार द्वारा संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर तैयार तीन मिनट की एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

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    उपराष्ट्रपति ने विधानसभा भवन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उपराष्टपति ने दिल्ली को दुनिया का सबसे अच्छा कैपिटल सिटी बनाने की अपील की। संविधान को एक 'लिविंग डाक्यूमेंट' बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान ने भारत को एक किया और अमृत काल की अपनी यात्रा के दौरान हम इसके सिद्धांतों से प्रेरित होकर 'विकसित भारत' की ओर बढ़ रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर हम महिलाओं को एम्पावर करने से आगे बढ़कर महिलाओं को डेवलपमेंट लीड करने देने की ओर बढ़ गए हैं, कहा कि रेखा गुप्ता इस बड़े बदलाव का एक उदाहरण हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि पिछले दशक में उनकी सबसे बड़ी कामयाबी 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना रही है।

    उन्होंने कहा कि विधायकों को बातचीत, बहस और चर्चा के ज़रिए सदन में अच्छा योगदान देना चाहिए। कहा कि प्रथम भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल के पदभार ग्रहण के शताब्दी वर्ष का स्मरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इसके साथ ही राधाकृष्णन ने कहा कि भारत में हर नागरिक, चाहें वह अमीर हो या गरीब हो, हमेशा लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देता है और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में चुनावों में लोगों की भारी भागीदारी ने लोकतंत्र में उनकी आस्था को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न बिहार चुनावों में मतदाताओं विशेषकर महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी एक बहुत ही अच्छा संकेत है।

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