मुखबिरी के शक में दो सगे भाइयों की हत्या, जाफराबाद में हथियार सप्लाई के विवाद में दो भाइयों को गोलियों से किया छलनी
दिल्ली के जाफराबाद में मुखबिरी के शक में दो सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना हथियार सप्लाई के विवाद से जुड़ी बताई जा रही है। अज्ञात हम ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। जाफराबाद क्षेत्र की कसाई वाली गली सोमवार आधी रात गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी। बुआ के बेटे ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर दो सगे भाइयों पर अत्याधुनिक पिस्टलों से गोलियां बरसाकर उनके शरीर को छलनी कर दिया। बदमाशों ने 50 से अधिक गलियां बरसाई। करीब 40 गोलियां दोनों भाइयों के लगी हैं। दोनों की हत्या करने के बाद चारों बदमाश हथियार लहराते हुए फरार हो गए। मृतकों की पहचान नदीम व इसके छोटे भाई फजील के रूप में हुई है। नदीम दिव्यांग था। फजील के 20 और नदीम को करीब 19 गोलियां लगी हैं। इस दोहरे हत्याकांड से इलाके में दहशत है।
पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपित व मृतकों के बुआ के बेटे असद कुरैशी को लगता था कि दोनो भाई पुलिस से उनकी मुखबिरी कर रहे हैं। इस शक में उसने दोनों की हत्या की। जान गंवाने वाले दोनों भाई व मुख्य आरोपित यमुनापार के बड़े गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करते थे। हथियार सप्लाई को लेकर कई सप्ताह से विवाद चल रहा था। परिवार का आरोप है कि हत्या से कुछ घंटे पहले ही असद ने दोनों भाइयों की हत्या की धमकी दी थी।
फजील और नदीम अविवाहित थे और कश्मीरी बिल्डिंग जाफराबाद में रहते थे। इनकी मां अपने बड़े बेटे वसीम व छोटे बेटे कफील के साथ ब्रह्मपुरी गली नंबर-21 में रहती हैं। नदीम व फजील का खैरात मशीन का काम था। नदीम पर हथियार तस्करी व आर्म्स एक्ट के दो केस दर्ज थे। परिवार ने बताया कि पांच वर्ष पहले नदीम पहली मंजिल से नीचे गिर गया था। जिससे उसके 85 प्रतिशत शरीर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। वह शौचालय भी नहीं जा पाता था।
परिवार के सदस्य उसे डायपर बांधते थे। फजील ही अपने भाई की देखभाल करता था। परिवार ने बताया कि सोमवार रात को 1:30 बजे फजील स्कूटी से नदीम को लेकर ब्रह्मपुरी में मां के घर खाना खाने जा रहा था। जब वह ऋषि कर्दम मार्ग, कसाई वाली गली में पहुंचे। तभी उनकी बुआ के बेटे असद ने अपने तीन साथियों के साथ उन्हें घेर लिया। बदमाशों ने पिस्टल निकालकर उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। पुलिस को मौके से करीब 42 खाली कारतूस बरामद हुए हैं।
सलीम पिस्टल से जुड़ रहे हैं तार
जाफराबाद के रहने वाले कुख्यात बदमाश सलीम पिस्टल से इस मामले के तार जुड़ रहे हैं। सलीम पिस्टल पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से हथियार लाकर भारत के गैंगस्टरों को बेचता है। वह हाशिम बाबा, लारेंस बिश्नोई, छेनू, नासिर, समेत कई कुख्यात गैंगस्टरों को अत्याधुनिक हथियार बेचता है।
इसी साल सलीम को नेपाल से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नदीम व असद एक साथ मिलकर पहले हथियार बनाते थे और तस्करी करते थे। वह सलीम पिस्टल के लिए काम करते थे। जाफराबाद व झिलमिल में उन्होंने हथियारों की अवैध फैक्ट्री बनाई हुई थी। सलीम की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल ने नदीम पर शिकंजा कसना शुरू किया।
इसी दौरान हथियार सप्लाई को लेकर असद व नदीम में तनामनी हो गई और दोनों अलग हो गए।असद पर हत्या के प्रयास, हथियार सप्लाई, अवैध रूप से भैंस काटने समेत छह केस दर्ज हैं। असद को लगता था कि नदीम दिल्ली पुलिस से उसकी व जाफराबाद में रहने वाले सलीम पिस्टल के बहुत खास साथी गैंगस्टर बाबी शूटर की मुखबिरी कर रहा है। सोमवार दोपहर को असद ने इसी को लेकर नदीम व इसके भाई को हत्या की धमकी दी थी। शाम को परिवार ने इन तीलो को बैठाकर समझौता करवा दिया था, लेकिन असद माना नहीं। बाबी शूटर वर्ष 2019 में मकोका का केस दर्ज हुआ था। यह इस केस में वांछिल चल रहा है।
बाबी ने जाफराबाद में सीसीटीवी कैमरों के जरिये ऐसा नेटवर्क तैयार किया हुआ है कि पुलिस के इलाके में पहुंचते ही उसे पता चल जाता है पुलिस आ गई और वह अंडरग्राउंड हो जाता है। सूत्रों का दावा है कि हाशिम बाबा पर सेल का शिकंजा कसने के बाद यही उसके गैंग को आपरेट कर रहा है। हथियारों की जिम्मेदारी इसपर है। पुलिस पर भी बड़ा सवाल है कि स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच व जिला पुलिस सात वर्षों से एक वांछित बदमाश को पकड़ नहीं पा रही है।
जाफराबाद थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। बदमाशों को पकड़ने के लिए कई टीमें लगाई गई हैं।
-आशीष मिश्रा, उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त।
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