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    Year Ender 2025: थोड़ा है, बहुत की जरूरत है..., दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार की दरकार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 09:48 AM (IST)

    दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बसों की कमी और मेट्रो के विस्तार में धीमी प्रगति के कारण नागरिकों को परेशानी हो रही है। ...और पढ़ें

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    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। सार्वजनिक परिवहन के मामले में 2025 कुछ ऐसा रहा है जिसमें सरकार में बहुत कुछ करने की ललक दिखी, यहां तक कि जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी 200 नई इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ कराया गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी लगातार सार्वजनिक परिवहन सेवा मजबूत करने की बात कहती दिखीं और कुछ हद तक उनके प्रयास आगे बढ़ते हुए भी दिखे।

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    मगर काम बहुत अधिक नहीं हो पाया। कुछ नई बसें आई तो उससे अधिक पुरानी होने के कारण बसें सड़कों से हट गईं। यानी यही कह सकते हैं कि थोड़ा किया और बहुत की जरूरत है। 11000 बसों की आवश्यकता है मगर इससे आधे से भी कम बसें उपलब्ध हैं।

    इससे सार्वजनिक सुधार व्यवस्था पर असर जरूर पड़ रहा है। यहां गाैरतलब यह भी है कि जो बस बेड़ा कभी 7300 का होता था वह इस साल 5000 पर आ गया है। जिसमें 3500 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।

    इन सब के बीच इस साल तीन अंतर्राज्यीय रूट पर बसें जरूर शुरू हुई हैं। गर्मी के समय बस टर्मिनलों पर पेयजल की व्यवस्था भी पहली बार सरकार की ओर से की गई है। मेट्रो में भी इस साल कोई नया काॅरिडोर जनता के लिए शुरू नहीं हो पाया है।

    मगर दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण वर्ष रहा। इस दौरान नई लाइनों का उद्घाटन, निर्माण कार्य व टनलिंग में प्रगति हुई। नए कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। मेट्रो के विस्तार से राजधानी में आवागमन सुगम होगा।

    दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को लेकर लगातार भाजपा सरकार पर चुनाैती बढ़ रही है। क्योंकि डीटीसी और क्लस्टर बसें लगातार कम हो रही हैं । पिछले एक साल में 2401 बसें सड़कों से हट चुकी हैं।

    फरवरी में दिल्ली में भाजपा की सरकार के आने के समय उम्मीद की जा रही थी कि बसों की संख्या अब तेजी से बढ़ेगी। मगर ऐसा अभ्री तक नहीं हो पाया है। पुरानी बसें हटने की तुलना में नई बसें कम आई हैं, इससे आम नागरिक की परेशानी बढ़ रही है।

    हालात किस तरह बिगड़ रहे हैं कि एक साल पहले तक दिल्ली में 7300 से अधिक बसें थीं। अब यह संख्या कम होकर 5000 के करीब रह गई है। जनवरी से अब तक डीटीसी की 1400 नई बसें आ सकी हैं और 2401 बसें सड़कों से हट गई हैं।

    जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक हटी बसें

    क्रम महीना संख्या
    1 जनवरी 57
    2 फरवरी 337
    3 मार्च 345
    4 अप्रैल 111
    5 मई 232
    6 जून 96
    7 जुलाई 452
    8 सितंबर 462
    9 अक्टूबर 84
    10 नवंबर 17
    11 दिसंबर 99
    कुल   2401

    कब कब कितनी आईं इलेक्ट्रिक बसें

    क्रम तिथि / माह बसों की संख्या
    1 अप्रैल 250
    2 30 मई 100
    3 5 जून 200
    4 8 जून 400
    5 29 सितंबर 300
    6 14 नवंबर 50
    7 18 दिसंबर 100
    कुल   1400

    इस साल तीन नई अंतर्राज्यीय बस सेवाएं हुईं शुरू

    • 19 सितंबर- बड़ाैत तक नई अंतर्राज्यीय बस सेवा
    • 13 नवंबर - सोनीपत तक दिल्ली की नई अंतर्राज्यीय बस सेवा
    • 18 दिसंबर - धारूहेड़ा तक नई अंतर्राज्यीय बस सेवा

    दिल्ली मेट्रो

    जनवरी: फेज-4 का पहला खंड शुरू

    5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मजेंटा लाइन का एक्सटेंशन जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन तक (लगभग 2.8 किमी) का उद्घाटन किया। यह फेज-4 का पहला आपरेशनल हिस्सा था, जिससे नेटवर्क की लंबाई 394-395 किमी हो गई। जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कोरिडोर के अगले वर्ष मार्च तक शुरू होने की उम्मीद है।

    • प्रधानमंत्री ने रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर का आधारशिला भी रखा। इस कोरिडोर पर 21 एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे।
    • सितंबर में पिंक लाइन का मौजपुर-मजलिस पार्क सेक्शन शुरू हुआ, जिससे उत्तर और पूर्व दिल्ली की कनेक्टिविटी बेहतर हुई।
    • गोल्डन लाइन (एरोसिटी-तुगलकाबाद) पर किशनगढ़-वसंत कुंज और छतरपुर मंदिर-इग्नू पर टनल का काम पूरा।
    • 12 दिसंबर को गोल्डन लाइन के 8.3 किलोमीटर लंबे लाजपत नगर-साकेत जी-ब्लाक कोरिडोर (8 स्टेशन, एलिवेटेड) पर निर्माण शुरू हुआ। गोल्डन लाइन कॉरिडोर का काम पूरा होने से दक्षिणी दिल्ली को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जोड़ने में मदद मिलेगी। अगले वर्ष तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
    • गोल्डन लाइन का 12 किमी एक्सटेंशन शुरू होने से दिल्ली मेट्रो की लंबाई 400 किमी पार कर जाएगी। इससे न्यूयार्क (399 किमी) को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे बड़ा सिंगल-सिटी मेट्रो नेटवर्क बनेगा।
    • 8 वर्षों बाद सितंबर में मेट्रों के किराए में मामूली वृद्धि (1 से 4 रुपए तक, एयरपोर्ट लाइन पर 5 रुपए तक) की गई।

    रेलवे

    वर्ष 2025 में दिल्ली में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए जहां कई कदम उठाए गए हैं। वहीं, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात अधिक भीड़ व भगदड़ के कारण 18 लोगों की मौत हो गई। उसके बाद बड़े रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अजमेरी गेट की तरफ सात हजार से अधिक यात्री क्षमता वाला स्थायी होल्डिंग एरिया तैयार किया गया है। आनंद विहार टर्मिनल व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी स्थायी होल्डिंग एरिया बनाने की तैयारी है। इससे प्लेटफार्म पर भीड़ रोकने में मदद मिलेगी। स्टेशनों पर एआइ आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

    • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो गया है। पहले चरण में पहाड़गंज की तरफ निर्माण कार्य किया जाना है। सफदरजंग रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य अंतिम चरण में है। दिल्ली कैंट, आजादपुर मंडी, नरेला और तिलक ब्रिज स्टेशन का भी पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है।
    • बिजवासन में नया रेल टर्मिनल का निर्माण कार्य अगले वर्ष पूरा होने की उम्मीद है।
    • इस वर्ष दिल्ली- फिरोजपुर कैंट वंदे भारत, नई दिल्ली-राजेंद्र नगर अमृत भारत,
    • आनंद विहार टर्मिनल- मोतिहारी अमृत भारत, पुरानी दिल्ली- सीतामढ़ी अमृत भारत, आनंद विहार टर्मिनल-छपरा अमृत भारत, पुरानी दिल्ली- गया अमृत भारत एक्सप्रेस सहित कई अन्य शहरों के लिए नई ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ।

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