खेड़ा कलां रेलवे फाटक पर खत्म होगा दिल्ली का सबसे बड़ा जाम, फ्लाईओवर और अंडरपास की तैयारी तेज
दिल्ली के खेड़ा कलां रेलवे फाटक पर लगने वाले भीषण जाम से छुटकारा मिलने वाला है। फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण से यातायात सुगम होगा। इस परियोजना से खेड़ा कलां और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को समय की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी, जिससे जीवन स्तर बेहतर होगा।

खेड़ा कलां रेलवे फाटक पर बनने वाले फ्लाइओवर व अंडरपास का प्रस्तावित माडल। सौजन्य:दिल्ली सरकार
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के खेड़ा कलां में रेलवे फाटक पर लग रहा दिल्ली का सबसे बड़ा जाम अब दूर होगा, इस समस्या को खत्म करने के लिए एक फ्लाईओवर और एक रेलवे अंडर ब्रिज बनेगा। इससे आस-पास के इलाके के लोगों को ही नहीं, दिल्ली के अन्य इलाकों और हरियाणा तक के लाखों वाहन चालकों को प्रतिदिन जाम से राहत मिलेगी।
नरेला से रोहिणी आना-जाना भी बहुत आसान हो जाएगा। यह परियोजना व्यस्ततम दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर होगी। रेलवे का यह फाटक 24 घंटे में 88 बार बंद हाेता है। कई बार 20 मिनट तक फाटक बंद रहता है। हर 20 मिनट में फाटक बंद होता है। इस समस्या को जड़ से दूर करने के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार ने गंभीरता से काम शुरू कर दिया है।
योजना ठंडे बस्ते में चली गई
कुछ समय पहले इलाके के सांसद योगेंद्र चंदाेलिया ने भी इस मुद्दे काे रेल मंत्री के स्तर पर उठाया था। उसके बाद से रेलवे भी हरकत में है। परियोजना पर 109 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। लोक निर्माण विभाग और रेलवे मिलकर काम करेंगे।
10 साल पहले यह योजना बनी थी, इस योजना को विभिन्न एजेंसियों से मंजूरी मिल चुकी है। मगर योजना आगे नहीं बढ़ सकी थी। पूर्व की आप सरकार इस याेजना को लेकर सुस्त हो गई थी और एक तरह से योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।
24 घंटे में 88 बार बंद होता है फाटक
खेड़ा कलां में रेलवे फाटक एक पाली यानी आठ घंटे में 26 बार बंद होता है। यानी एक घंटे में करीब तीन बार फाटक बंद होता है। अगर तीन पाली का समय लगा लें तो 88 बार फाटक बंद होता है। कई बार यह फाटक बंद हुआ तो 15 से 25 मिनट तक बंद रहता है।
कारण कई बार एक से अधिक ट्रेनों के कुछ अंतराल पर गुजरने पर फाटक तभी खुलता है जब उस समय की सभी ट्रेनें गुजर जाती हैं। ऐसे में इस फाटक पर कई बार लंबा जाम लग जाता है और कई बार पहले निकलने को लेकर मारपीट की छोटी घटनाओं से लेकर रोडरेज की घटनाएं यहां हो चुकी हैं।
अंडरपास बनाने की बनी थी योजना
2015 में यहां इस रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने की योजना बनी थी। मगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र में भाजपा सरकार में आपसी तालमेल नहीं होने के कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी थी।
हालांकि, 2020 से इस परियोजना को लेकर कुछ हलचल हुई। इस परियोजना को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में गठित यूटीपैक (एकीकृत यातायात और परिवहन अवसंरचना (योजना और इंजीनियरिंग) केंद्र) और इसके बाद दिल्ली शहरी कला आयोग से मंजूरी मिल चुकी है।
पैदल चलने वालों आदि के लिए भी होगा कैरिजवे
अक्टूबर 2021 में पीडब्ल्यूडी ने रेलवे को परियोजना की ड्राइंग जमा की थी। इसके बाद उत्तर रेलवे ने नवंबर 2022 में अपने स्टैंडर्ड फ़ॉर्मेट के हिसाब से डिज़ाइन में बदलाव किया। फाइनल मंज़ूर लेआउट में अब 15.6 मीटर चौड़ा चार लेन का फ्लाईओवर और अंडरपास है।
इसमें पैदल चलने वालों, धीरे चलने वाली गाड़ियों, ठेलों, मवेशियों आदि के लिए पांच मीटर का कैरिजवे है। पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा लेवल क्रॉसिंग को बंद करने की मंज़ूरी जिलाधिकारी (उत्तरी जिला) ने 24 मई 2023 को दी थी।
रेलवे ने गत 13 जून को परियाेजना को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है और पीडब्ल्यूडी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पीडब्ल्यूडी के बीच होने जा रहा है एमओयू
गत फरवरी में दिल्ली में आई भाजपा की सरकार के बाद से हालात बदले हैं। अब रेलवे और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आपसी तालमेल के साथ परियोजना को लेकर काम आगे बढ़ा रहे हैं। जल्द ही इस परियोजना को लेकर दोनों के बीच एमओयू साइन होने वाला है। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा कुछ समय पहले बैठक कर चुके हैं।
नरेला से रोहिणी आना-जाना होगा आसान
इस रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनने से नरेला से रोहिणी आना जाना बहुत आसान हो जाएगा। यहां तक कि रोहिणी से हरियाणा के क्षेत्र में भी अाने जाने वालों को लाभ मिल सकेगा। इस परियोजना से उत्तर पश्चिमी की पूरा देहात क्षेत्र रोहिणी से जुड़ जाएगा।
इलाके की 25 से अधिक कालोनियाें के लाखों लोगों काे लाभ मिल सकेगा। इनमें खेड़ा कलां, खेड़ा खुर्द, अलीपुर, होलंबी कलां आदि को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। इलाके के विधायक राजकरण खत्री ने कहा कि यह योजना पूरी होने पर उनके नरेला विधानसभा क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा।

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