दिल्ली में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए नई पहल, खर्च होंगे 17 हजार करोड़
दिल्ली में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए अगले तीन साल में ₹17,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में ...और पढ़ें

दिल्ली में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए अगले तीन साल में ₹17,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले साल राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 8656 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस साल भी पीक डिमांड 8442 मेगावाट रही है। अनुमान है कि 2030 तक पीक डिमांड 12,000 मेगावाट और 2040 तक 20,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए, अगले तीन सालों में बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए ₹17,000 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव दिया गया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में पावर सिस्टम पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (DTL) और DISCOMs के प्रतिनिधि मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि DTL और DISCOMs ₹17,000 करोड़ खर्च करके ट्रांसमिशन लाइन, ग्रिड सबस्टेशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करेंगे।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ने और सरकारी इमारतों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने में भी तेजी लाने की जरूरत है। सरकार सौर ऊर्जा के फायदों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक व्यापक जन जागरूकता अभियान भी चलाएगी। कृषि भूमि पर सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
फ्लाईओवर के नीचे ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे
जगह की कमी के कारण ट्रांसफार्मर और बिजली से जुड़े अन्य ढांचे लगाने में दिक्कतें आ रही हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, मुख्यमंत्री ने DISCOM प्रतिनिधियों को फ्लाईओवर के नीचे और अन्य उपयुक्त जगहों पर खाली जगहों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।

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