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    70 गोलियां दागकर हत्या करने वाले शूटरों की हो चुकी है पहचान, फिर भी 13 दिन बाद पुलिस खाली हाथ

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 12:58 AM (IST)

    दिल्ली में 70 गोलियां दागकर हत्या करने वाले शूटरों की पहचान हो चुकी है, लेकिन घटना के 13 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस अभी तक आरोपियों को गि ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फतेहपुर बेरी थानाक्षेत्र के आया नगर में बीते दिनों डेरी संचालक रतन लोहिया की 70 गोलियां मारकर बेरहमी से हत्या करने वाले तीन शूटरों की पहचान हो जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पा रही है।

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    पहली बार किसी गैंगवार या रंजिश में किसी शख्स को ताबड़तोड़ 70 गोलियां मारकर हत्या करने की बात सामने आइ है, जिससे मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने जिला पुलिस के अलावा स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच के सभी सेक्शन को बदमाशों काे पकड़ने की जिम्मेदारी सौंप दी थी। लेकिन स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच भी शूटरों को नहीं पकड़ पा रही है।

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में यह बात सामने आई है कि फरीदाबाद के कमल, नीतू उर्फ नरेंद्र व यूपी के अनुज उर्फ फाइटर नाम के बदमाशों ने रतन लोहिया की बेरहमी से हत्या की है।

    तीनों फरीदाबाद के रहने वाले कुख्यात गैंग्स्टर नीरज फरिदपुरिया, हिमांशु भाऊ व गौतमबुद्ध् नगर के रणदीप भाटी गिरोह से जुड़े हैं। पेशेवर शूटर होेने की वजह से दिल्ली पुलिस उन्हें 13 दिन बाद भी नहीं पकड़ पा रही है। रणदीप भाटी मंडोली के जेल नंबर 12 में बंद है।

    छह माह पहले रतन लोहिया के बेटे दीपक ने आपसी रंजिश में आया नगर के रहने वाले अरुण नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से अरुण के स्वजन दीपक व उसके परिवार से बदला लेने की साजिश रच रहे थे। अरुण का मामा कमल नीरज फरिदपुरिया का बहुत करीबी बताया जा रहा है। नीरज फरिदपुरिया, कमल की बात नहीं काटता है।

    पुलिस का कहना है कि कमल ने नीरज फरिदपुरिया से भतीजे की मौत का बदला लेने के लिए शूटरों का इंतजाम करने को कहा। उनकी योजना दीपक की हत्या करने की थी। लेकिन उसके जेल में होने के कारण दीपक के पिता की ही हत्या करने की योजना बनाई गई। कमल के कहने पर नीरज फरिदपुरिया ने रणदीप भाटी से संपर्क कर इन तीन शूटरों को सुपारी देकर रतन लोहिया की हत्या करने की जिम्मेदारी सौंप दी।

    रतन को डर था कि अरुण के स्वजन उसकी कभी हत्या करवा सकते हैं इसलिए घटना वाले दिन 30 नवंबर की सुबह वह बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर डेरी पर जाने के लिए निकले थे। घर से कुछ दूर जाते ही बदमाशों ने उन्हें घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां मार हत्या कर दी। हत्यारे दो अलग अलग कार में सवार होकर आए थे।

    पुलिस को पता चला है कि बदमाश फरीदाबाद के जिला तिगांव से दो गाड़ियों से वहां आए थे। वारदात के बाद वापस तिगांव पहुंचे और फिर वहां से यूपी की तरफ भाग गए थे। रणदीप की शादी तिगांव में है। जिससे नीरज उससे जुड़ा है।

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