दिल्ली में 160 झीलों को पुनर्जीवित करने के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
दिल्ली सरकार ने राजधानी में 160 झीलों के पुनर्जीवन के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण नियंत्रण और जल भंडारण क्षमता को बढ़ा ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी में स्थित 160 झीलों के पुनर्जीवन के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। ये झीलें दिल्ली सरकार के अधीन आती हैं, और सरकार का मानना है कि इनका पुनर्जीवित होना राजधानी के प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएगा। इससे पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने झीलों के पुनर्जीवित करने के लिए 19 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी थी।
दिल्ली में कुल 1000 जलाशय (झीलें) हैं, जिनमें से 160 झीलें दिल्ली सरकार के नियंत्रण में हैं। इन झीलों के पुनर्जीवित होने से न केवल पर्यावरणीय संकट कम होगा, बल्कि पानी के भंडारण की क्षमता भी बढ़ेगी, जो कि दिल्ली जैसे जल संकट से जूझते शहर के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार इस परियोजना के तहत डीपीसीसी (Delhi Pollution Control Committee) और डीपीए (Delhi Parks Authority) से समन्वय करके इस योजना को लागू करेगी।
सरकार का मानना है कि यदि इन झीलों को बहाल किया जाता है तो वे न केवल जल स्रोत के रूप में काम करेंगी, बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मददगार साबित होंगी। प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक स्थायी समाधान के रूप में इन झीलों का पुनर्जीवित किया जाना शहर की स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिति को सुधारने में सहायक होगा।
होलंबी कला में 11.5 एकड़ में विकसित होगी पर्यावरण मित्र परियोजना
दिल्ली कैबिनेट ने होलंबी कला में 11.5 एकड़ में देश के पहले ई-वेस्ट पार्क के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस पार्क का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान को बेहतर तरीके से प्रबंधित करना है। यह परियोजना जीरो वेस्ट और जीरो प्रदूषण के सिद्धांतों पर आधारित होगी, जिससे पर्यावरण पर कम से कम असर पड़ेगा। यह पार्क पूरे देश में पहला आधुनिक ई-वेस्ट पार्क होगा, जिसमें पानी और हवा को प्रदूषित होने से बचाया जाएगा।
इस पार्क में ई-वेस्ट का पुनर्चक्रण (recycling) किया जाएगा, और यहां उपयोग किए गए पानी को रीसायकल कर पुनः इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाएगा। यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है। इस पार्क में टेंडर जल्द जारी किए जाएंगे और यह दिल्ली के पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान को अधिक प्रभावी बनाना है, बल्कि प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए एक मॉडल बनाना है। यह ई-वेस्ट पार्क दिल्ली को स्मार्ट, साफ और पर्यावरणीय दृष्टि से जिम्मेदार शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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