भीड़ से निपटने को दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर कड़े इंतजाम, जनरल टिकट वालों की भीड़ से स्लीपर पैसेंजर्स परेशान
दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान स्टेशनों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। जनरल टिकट वाले यात्रियों से स्लीपर क्लास के यात्रियों को असुविधा होती है, जिसे रोकने के लिए रेलवे पुलिस और स्टेशन स्टाफ को तैनात किया गया है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अगर आप दीपावली के दौरान दिल्ली से ट्रेन पकड़ उत्तर प्रदेश एवं बिहार सहित अन्य स्थानों पर जाने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। आपके पास किसी भी श्रेणी का आरक्षित टिकट है और आप चाहते हैं कि ट्रेन न छूटे तो तो आपको नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्टेशन पर कम से कम 45 मिनट पहले पहुंचना जरूरी होगा। जल्दी पहुंचने का कारण है भीड़ नियंत्रण के लिए उठाए गए प्रयास ताकि उससे किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके।
यात्रियों को काफी समय लगाना पड़ रहा
प्रयागराज कुंभ के दौरान फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से सबक लेते हुए रेल प्रशासन ने दीपावली के अवसर पर दिल्ली से बाहर जाने वाले लाखों यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली सहित पुरानी दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं। भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा जांच तक हर स्तर पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। इनसे होकर प्लेटफाॅर्म तक पहुंचने में यात्रियों को काफी समय लगाना पड़ रहा है।
मेटल डिटेक्टर जांच की जा रही
स्टेशन से प्लेटफाॅर्म तक जाने वाले हर प्रवेश द्वार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हर यात्री की जांच की जा रही है और केवल वैध टिकट धारकों को ही अंदर प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। आरपीएफ और जीआरपी की 24 घंटे ड्यूटी पर रखा गया है। अतिरिक्त बैरिकेडिंग और मेटल डिटेक्टर जांच की जा रही है।
प्लेटफाॅर्म टिकट नहीं दिए जा रहे
हर प्लेटफाॅर्म पर निगरानी कैमरे सक्रिय हैं। हर रास्ते और पुल पर सुरक्षाकर्मियों के साथ सहायता कर्मियों की भी तैनाती की गई है। किसी को सीढ़ियों पर ठहरने या बैठने नहीं दिया जा रहा है। प्लेटफाॅर्म टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। केवल बीमारी, दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों के सहायकों के लिए इसकी अनुमति है। स्टेशन के बाहर से लेकर प्लेटफाॅर्म तक पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
भीड़ नियंत्रण के लिए कई रास्ते बंद
भीड़ नियंत्रण के लिए स्टेशन परिसर के कई रास्तों को बैरिकेड लगाकर अस्थायी रूप से बंद किया गया है। ट्रेन से उतरने और ट्रेन पर चढ़ने वाले यात्रियों की सुविधा को लिए प्लेटफाॅर्म के सर्कुलेटिंग एरिया को रस्सा लागकर लगभग 10 फीट तक खाली रखा गया है। यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश के नक्शे लगाए गए हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर विशेष होल्डिंग एरिया बनाया गया है, जहां से यात्रियों को क्रमवार प्लेटफाॅर्म की ओर भेजा जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल डिस्प्ले और घोषणा प्रणाली को मजबूत किया गया है।
जनरल टिकट वालों के लिए अलग प्रवेश द्वार
त्योहारी भीड़ को देखते हुए जनरल टिकट धारकों के लिए अलग प्रवेश द्वार के साथ ही प्लेटफाॅर्म पर अलग होल्डिंग एरिया बनाया गया है, यहां उनके अलावा अन्य किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है। इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले पुल, सीढ़ी और एस्केलेटर को बैरिेटिंग लगाकर अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया। इससे आरक्षण टिकट धारकों को किसी तरह की असुविधा न हो। स्लीपर क्लास में बिना आरक्षण यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ने से रेलवे ने अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की है जो यात्रियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
ट्रेन में चढ़ने में करना पड़ रहा संघर्ष
इसके बावजूद स्लीपर क्लास में जनरल टिकट यात्रियों के घुस जाने से स्लीपर क्लास आरक्षित यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्लेटफाॅर्म नंबर 14 से शाम साढ़े पांच बजे हावड़ा की ओर जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस से पटना जा रहे रमेश कुमार का स्लीपर क्लास में आरक्षण था पर डिब्बे में जनरल टिकट यात्रियों के भरे होने से वह चढ़ नहीं पा रहे थे। उन्होंने मौके पर तैनात आरपीएफ कर्मी से सहायता मांगी पर, वह भी उनकी कोई मदद नहीं कर सका।
रेलवे प्रशासन की अपील
रेलवे स्टेशन के बाहर और प्लेटफाॅर्म पर रेल प्रशासन की ओर से यात्रियों से लगातार अपील की जा रही है कि वे अपने टिकट और पहचान पत्र साथ रखें, ट्रेन के समय से पहले स्टेशन पहुंचें, केवल निर्धारित द्वारों से ही प्रवेश करें, सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें, ट्रेन पकड़ने को भागा-दौड़ी न करें।
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