विदेश में पाई-पाई जोड़कर कमाया, दिल्ली पहुंचते ही हजारों डूबे; आईजीआई पर कतर से आए यात्री की बेबसी
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर कतर से आए एक यात्री को हजारों रुपये का नुकसान हुआ। विदेश में पाई-पाई जोड़कर कमाए गए पैसे दिल्ली पहुंचते ही डूब गए। इस घटन ...और पढ़ें

कतर से दिल्ली पहुंचे यात्री समीम की पटना की उड़ान रद होने से IGI एयरपोर्ट पर फंसे। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के आइजीआइ एयरपोर्ट पर घने कोहरे और स्मॉग के कारण उड़ानों के रद होने का सिलसिला जारी है, जिससे यात्रियों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को हो रही है जिनकी घरेलू कनेक्टिंग फ्लाइट्स रद हो गई हैं।
कतर से लौटे एक यात्री समीम ने आपबीती बयां करते हुए कहा कि वह कतर से एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे थे, जो वहां के समयानुसार रात 10:20 बजे रवाना हुई थी। उन्हें दिल्ली से ही एयर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट लेकर पटना जाना था, लेकिन दिल्ली उतरते ही उन्हें बड़ा झटका लगा।
तीन गुना ज्यादा कीमत चुकाकर की बुकिंग
एयरलाइंस ने जानकारी दी कि कोहरे के कारण पटना की उड़ान रद कर दी गई है और दूसरी किसी भी फ्लाइट में सीट उपलब्ध नहीं है। घंटों तक एयरपोर्ट पर भटकने के बाद समीम को मजबूरन दूसरी एयरलाइन में टिकट बुक करना पड़ा, जिसके लिए उन्हें सामान्य से तीन गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी।
यह फ्लाइट भी 12 घंटे बाद की मिली, जिससे उन्हें पूरा दिन एयरपोर्ट के महंगे माहौल में गुजारने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
अतिरिक्त समान ने भी भढ़ाया बोझ
समीम के लिए मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। कतर से वे अपने परिवार के लिए जो सामान लेकर आए थे, उसका अतिरिक्त वजन पहली एयरलाइंस की टिकट में शामिल था। लेकिन नई टिकट में उन्हें 15 किलो अतिरिक्त सामान के लिए करीब 500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मोटी रकम देनी पड़ रही है।
समीम ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि विदेश में मेहनत से एक-एक पाई जोड़कर वे घर वालों के लिए तोहफे लाए थे, लेकिन यहां पहुंचते ही बिना किसी कारण के उनके हजारों रुपये बर्बाद हो गए। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल किया कि आखिर एयरलाइंस की लापरवाही या उड़ान रद होने का खामियाजा आम यात्री क्यों भुगते?
हवाई अड्डे पर खाने-पीने की ऊंची कीमतों ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। समीम का कहना है कि एयरपोर्ट पर खाना इतना महंगा है कि आम आदमी उसे खरीद ही नहीं सकता। उड़ानों के रद होने के कारण सैकड़ो यात्री समीम जैसी ही परिस्थितियों का सामना करने को मजबूर हैं।

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