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    'नो पीयूसीसी-नो फ्यूल' अभियान का असर: दिल्ली में पीयूसी जांच को लेकर अफरातफरी, सेंटरों पर दिन-रात लगी कतारें

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 09:22 PM (IST)

    दिल्ली में 'नो पीयूसीसी-नो फ्यूल' अभियान के लागू होने के बाद पीयूसी (Pollution Under Control) जांच केंद्रों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। नए नियम के अन ...और पढ़ें

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    पीयूसीसी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटी भीड़। आर्काइव

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। 'नो पीयूसीसी-नो फ्यूल' अभियान ने वाहन मालिकों की तंद्रा तोड़ी है और वे वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) बनवाने को लेकर पीयूसी सेंटरों की लाइनों में लगे हुए हैं। इसके चलते दिल्ली के कई सेंटर देर रात में भी गुलजार हैं। दिल्ली गेट, इंद्रप्रस्थ रिंग रोड, करोलबाग, अरुणा आसफअली मार्ग समेत कई स्थानों पर स्थित पीयूसी सेंटरों पर रात्रि में भी वाहनों की कतारें लगी हुई है।

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    पहले दिल्ली के अधिकतर पीयूसी सेंटर शाम छह बजे तक बंद हो जाते थे, लेकिन अब स्थिति कई सेंटरों के मध्य रात्रि तक खुले रहने की बन आ रही है। दिल्ली में पंपों पर कोई 400 पीयूसी सेंटर संचालित हो रहे हैं। इसी तरह, अन्य स्थानों को मिलाकर 900 से भी अधिक सेंटर हैं।

    पीयूसी सेंटरों पर कर्मियों की तैनाती पहले एक शिफ्ट में होती थी और यह आम तौर पर सुबह 10-11 बजे से काम शुरू करते रहे हैं, लेकिन अब स्थिति अलग है। सुबह सात-आठ बजे से ही वाहन पीयूसी जांच के लिए आने लग जा रहे हैं। ऐसे में अधिकतर पीयूसी सेंटराें पर कर्मियों की संख्या दोगुनी करते हुए चार से पांच कर, दो शिफ्ट में उनकी तैनाती की जा रही है। कर्मियों की कर्मी पंप कर्मियों को वहां लगाकर पूरी की जा रही है।

    तब भी लोगों का एक बार में नंबर नहीं आ रहा है, ज्यादा समय लगने तथा काम में देरी की वजह से लोग दो- तीन बार के प्रयास के बाद पीयूसी जांच करा पा रहे हैं। वहीं, इस पूरे अभियान से पीयूसी कर्मियों पर काम का बोझ काफी बढ़ गया है।

    इंद्रप्रस्थ, रिंग रोड स्थित एक पंप के पीयूसी कर्मी कौशल ने कहा कि वाहनों की कतारें सुबह से जो बन जा रही है। वह सिलसिला रात्रि तक भी नहीं टूट रहा है। उन लाेगों की कोशिश है कि सबकी जांच हो, लेकिन सर्वर के धीमे चलने से मुश्किले आ रही है। इस बीच, उन्हें थोड़ी भी फुर्सत नहीं मिल रही है कि वह आराम कर सके। एक पंप संचालक अनिल बिजलानी कहते हैं कि इस वक्त पेट्रोल पंप के कर्मी गहरे दबाव से गुजर रहे हैं।

    पहले जहां एक घंटे में चार-पांच वाहन ही जांच के लिए आते थे। अब उनकी संख्या 20 से 25 हो गई है। साथ ही यह लगातार बने हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करने के साथ अब सेंटरोें को रात्रि तक खोला जा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को ओवरटाइम भी करना पड़ रहा है। वह उम्मीद जताते हुए कहते हैं कि यह स्थिति कुछ दिनों तक और ही रहेगी। जब अधिकतर वाहनों का पीयूसी हो जाएगा तो उनका काम सामान्य हो जाएगा।

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