Delhi-NCR में छाई जहरीली धुंध की मोटी चादर, गंभीर श्रेणी में पहुंची हवा की गुणवत्ता; AQI 435 के पार
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, घने कोहरे के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' श्रेणी में है। कई इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है। बवाना में सबसे ज्यादा AQI 435 दर्ज किया गया, जबकि इंडिया गेट और कर्तव्य पथ धुंध से ढके हुए हैं।
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राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची।
एएनआई, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर लगातार जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में घना कोहरा छाया रहा। सुबह 7 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 381 रहा, जो दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)-IV के बावजूद 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।
कई इलाकों में घने कोहरे की चादर छाई रही, जिससे रविवार सुबह के AQI 359 से कोई खास सुधार नहीं हुआ। बवाना में सुबह 7 बजे सबसे ज्यादा AQI 435 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसके विपरीत, सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, NSIT द्वारका में सबसे कम AQI 313 दर्ज किया गया। आनंद विहार की हवा में जहरीली धुंध की एक परत छाई हुई है।इस क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक 429 है, जिसे 'बेहद खराब' श्रेणी में रखा गया है।
चांदनी चौक में AQI 390, आरके पुरम में 397, आईटीओ में 384, पंजाबी बाग में 411, पटपड़गंज में 401, पूसा में 360 और द्वारका सेक्टर-8 में 386 दर्ज किया गया। CPCB के अनुसार, इंडिया गेट और कर्तव्य पथ से दिखने वाले दृश्य जहरीले धुंध की एक परत से ढके हुए हैं, जहाँ AQI 388 है जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।

CPCB के अनुसार, 0-50 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
CAQM ने किया था नियमों में संशोधन
इस बीच, शनिवार को, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों ने पूरे एनसीआर के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के नियमोंमें संशोधन किया है, और GRAP-2 के तहत 'गंभीर' AQI श्रेणी के उपायों को GRAP-3 के तहत लागू करने का निर्देश दिया है। चूंकि GRAP-4 के तहत उपाय अब GRAP-3 के अंतर्गत हैं, इसलिए एनसीआर यह तय करेंगे कि क्या सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर सकते हैं, जबकि बाकी घर से काम कर सकते हैं।
निजी कंपनियों से दिल्ली सरकार की अपील
वहीं, केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय ले सकती है। बता दें, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ रहे स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत राजधानी के प्राइवेट दफ्तरों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत अब प्राइवेट कंपनियां के कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के साथ ऑन-साइट काम करेंगे और बाकी कर्मचारी वर्क-फ्राम-होम कर सकेंगे।

विपक्ष ने आंकड़ों में हेरफेर का लगाया आरोप
इससे पहले शुक्रवार को, आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वायु गुणवत्ता के आंकड़ों में हेरफेर और जहरीली हवा को रोकने के लिए निर्धारित श्रेणीबद्ध प्रतिबंधों को लागू करने में विफलता के कारण दिल्ली का प्रदूषण संकट एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है।

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