दिल्ली का कनॉट प्लेस क्यों बना बढ़ते प्रदूषण की वजह? NDMC की पार्किंग नीति पर उठे सवाल
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण ग्रेप का दूसरा चरण लागू होने पर एनडीएमसी ने पार्किंग शुल्क दोगुना कर दिया। कनॉट प्लेस में पार्किंग महंगी होने से वाहन सड़कों पर खड़े हो रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। मध्यवर्गीय लोग पार्किंग शुल्क से परेशान हैं। एनडीएमसी की पार्किंग नीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इससे जाम की समस्या भी बढ़ रही है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में हैं। ऐसे में ग्रेप के दूसरे चरण के लगने के बाद नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा पार्किंग के दाम दोगुने कर दिए गए हैं। लेकिन, इसका असर प्रदूषण को कम करने की बजाय बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है।
कनॉट प्लेस में विभिन्न स्थानों पर पार्किंग के दाम दोगुने होने की वजह से पार्किंग में वाहन तो कम नहीं आए लेकिन, कई लोग ऐसे भी नजर आए जो वाहन पार्किंग में खड़े करने की बजाय सड़कों पर इधर-उधर खड़े नजर आए। कनॉट प्लेस से लेकर बाबा खड़ग सिंह मार्ग, खान मार्केट के बाहर ऐसी ही स्थिति नजर आई। हालांकि, इस मामले में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने कोई जवाब नहीं दिया है।
एनडीएमसी इलाके में खास तौर पर कनॉट प्लेस में ऐसा माना जाता है कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग खरीददारी के लिए आते हैं। ऐसे में उनके ऊपर चाहे पार्किंग 100 रुपये या फिर 40 रुपये इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन, कई मध्य वर्गीय लोग जब कनॉट प्लेस अपने दोस्तों से मिलने या फिर रेस्तरां में खाना खाने या फिर अन्य खरीददारी के लिए आते हैं तो वह वाहन पार्किंग में खड़ा करते हैं।
उन्हें पार्किंग के दाम बढ़ने का बहुत फर्क पड़ता है। इसलिए कनॉट प्लेस और बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर लोग वाहनों को पार्किंग में खड़ा करने की बजाय सड़कों पर खड़ा करके खरीददारी करते हुए नजर आए। कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में बड़ी मात्रा में वाहन सड़क पर खड़े नजर आए। कुछ लोग पांच से दस मिनट के काम के लिए अपने साथी को गाड़ी में छोड़कर काम निपटाने गए। इस दौरान वाहन चालू होने से भी प्रदूषण बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ।
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मंगोलपुरी से अपने दोस्त के साथ एक नामी शोरुम में अपने कपड़े बदलवाने आए ऋषभ कहते हैं कि उन्हें चूंकि अपनी एक जींस की फिटिंग सही नहीं थी इसलिए उसे बदलकर दूसरी लेना था। मुश्किल से दस मिनट का काम था इसलिए अपने दोस्त को उन्होंने बाहर सड़क पर ही खड़ा छोड़ दिया।
बताया कि पार्किंग में वाहन खड़ा करते तो गाड़ी निकालने और खड़े करने में समय तो ज्यादा लगता ही बल्कि पार्किंग का शुल्क भी ज्यादा हो गया है तो वह भी देना पड़ता। इसलिए अपने दोस्त अंकित को वह गाड़ी में छोड़कर गए ताकि कोई ट्रैफिक वाला गाड़ी न उठा लें।
उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी की 125 के करीब पार्किंग हैं। ग्रेप के दूसरे चरण के चलते एनडीएमसी ने सरफेस पार्किंग में कार पार्किंग का दाम 20 रुपये घंटे की बजाय 40 रुपये घंटे जबकि दो पहिया वाहन के लिए 10 रुपये घंटे की बजाय 20 रुपये घंटे कर दिए। इसी तरह बहुमंजिला पार्किगं में कार के लिए 10 रुपये घंटे की बजाय 20 और दो पहिया के लिए पांच रुपये घंटे की बजाय 10 रुपये घंटे कर दिए हैं।
आज कनाट प्लेस में काफी भी जाम था। ऐसा ही जाम मंडी हाउस गोल चक्कर पर देखा गया। एनडीएमसी पार्किंग को व्यवस्थित करने की बजाय दाम बढ़ा देता है। जो कि यह सही नहीं है। क्योंकि कनाट प्लेस में बड़ी मात्रा में ऐसे लोग आते हैं उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि पार्किंग के दाम कितने हैं। यही वजह है कि कनाट प्लेस में सामान्य दिनों की तरह वाहन थे लेकिन हां कुछ वाहन ऐसे थे जो पार्किंग में खड़ा करने बजाय सड़क पर खड़े थे। - विक्रम बधवार, महासचिव, नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन

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