Pollution in Delhi: प्रदूषण से जंग में 2.36 करोड़ का जुर्माना, 200 से ज्यादा नोटिस व 48 निर्माण स्थलों पर काम कराया बंद
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2.36 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 200 से ज्यादा नोटिस जारी किए और 48 निर्माण स्थलों पर काम बंद करवाया। सरकार प्रदूषण को लेकर सख्त है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिसका उद्देश्य शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करना है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदूषण से जंग में दिल्ली सरकार ने अब सख्ती का रवैया अख्तियार कर लिया है। पिछले एक माह के दौरान धूल नियंत्रण मानदंडों का उल्लंघन करने पर 2.36 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा 200 से ज्यादा कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। साथ ही 48 निर्माण स्थलों को बंद करने का आदेश दिया है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 15 अक्टूबर से अपने धूल-विरोधी अभियान को तेज कर दिया है। समिति की टीम ने 500 वर्ग मीटर से बड़े 1262 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया है।
डीपीसीसी के धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन पोर्टल पर अब 747 निर्माण परियोजनाएं पंजीकृत हैं। इसमें रीयल-टाइम वीडियो फेंसिंग, पीएम 2.5 और पीएम 10 सेंसर के साथ ही प्रत्येक परियोजना की अनुपालन स्थिति दिखाने वाले सार्वजनिक डिस्प्ले बोर्ड शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण किए गए स्थलों में से 200 से अधिक को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, 48 को बंद करने का आदेश दिया गया और 35 पर जुर्माना लगाया गया। इसके परिणामस्वरूप धूल नियंत्रण मानदंडों के उल्लंघन के लिए 2.36 करोड़ रुपये से अधिक का पर्यावरणीय मुआवजा देना पड़ा।
पंजीकृत निर्माण स्थलों के अलावा, दिल्ली के इलाकों की निगरानी और गैर पंजीकृत या अवैध निर्माण गतिविधियों की पहचान करने के लिए भी डीपीसीसी की टीमें तैनात की गई हैं। 4881 चिह्नित इलाकों में से अधिकारियों ने 467 का सर्वेक्षण किया है। 33 उल्लंघनों को कार्रवाई के लिए चिह्नित किया है।
डीपीसीसी डीजल जनरेटर (डीजी) सेटों की भी व्यापक जांच कर रही है। रेट्रोफिट उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों की स्थापना को लागू कर रही है। प्रदूषणकारी उद्योगों को सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के निर्देशों के अनुरूप पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है।
पंजीकृत निर्माण परियोजनाओं के अधिकारियों के लिए 17 नवंबर को वर्चुअल प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें एमसीडी, एनडीएमसी, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, डीएमआरसी और डीजेबी सहित एजेंसियों के साथ समन्वय को और मजबूत किया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में पूरे शहर में 1800 से अधिक प्रवर्तन कर्मी, 35 समर्पित डीपीसीसी टीमों के साथ तैनात हैं। 62 चिन्हित यातायात हाटस्पाट पर धूल नियंत्रण और सफाई अभियान तेज कर दिए गए हैं। एजेंसियों को समय पर पानी का छिड़काव, सख्त निर्माण अनुपालन और दैनिक निरीक्षण रिपोर्टों के आधार पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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