'साफ हवा और अविरल यमुना के लिए सहयोग जरूरी', फरीदाबाद में CM रेखा गुप्ता की पड़ोसी राज्यों से अपील
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को हल करने में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने यमुना के जल बंटवारे को लेकर 1994 के समझौते की समीक्षा करने की मांग की और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने दिल्ली को 1250 एमजीडी पानी देने की भी मांग की है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण की गंभीर समस्या है। वायु प्रदूषण हो या फिर यमुना में गंदगी इसके समाधान के लिए पड़ोसी राज्यों का सहयोग आवश्यक है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फरीदाबाद में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में इस मुद्दे को उठाकर केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों से सहयोगी की अपील की।
दिल्ली सरकार द्वारा इस दिशा में उठाये जा रहे कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने यमुना के जल बंटवारे को लेकर वर्ष1994 के समझौत की समीक्षा करने की मांग की। पर्यावरण संरक्षा को ध्यान में रखकर दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आने वाली अंतरराज्यीय बसें, टैक्सी और ऑटो को भी इलेक्ट्रिक में बदलने की मांग की। कहा, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से भी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ता है। पिछले वर्षों में हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने पराली प्रबंधन में सकारात्मक प्रगति की है, परंतु पंजाब से आने वाले धुएं की मात्रा अब भी अधिक है।
उम्मीद है पड़ोसी राज्य इसके समाधान के लिए काम करेंगे। आरआरटीएस और अन्य क्षेत्रीय परिवहन परियोजनाओं में दिल्ली का निवेश पिछले वर्षों से लंबित था। वर्तमान सरकार इसे शीघ्र पूरा करेगी।
उन्होंने भारी मालवाहक वाहनों का दिल्ली में प्रवेश रोकने को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के लिए नियम बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा, यमुना की सफाई के लिए दिल्ली व हरियाणा मिलकर काम कर रही है। यमुना में गिरने वाले सभी नालों के पानी को टैप कर शोधित करने, सभी आवासीय क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने, नालों व सीवर लाइन की सफाई, आधुनिक सीवरेज उपचार संयंत्र स्थापित करने के साथ ही बहादुरगढ़, झज्जर और गुरुग्राम से आने वाले प्रमुख नालों के उचित प्रबंधन की आवश्यकता है। इस दिशा में काम शुरू किया गया है।
दिल्ली सहित अन्य राज्यों को 1994 के जल–साझेदारी समझौते के अंतर्गत यमुना का पानी मिलता है। इसकी अवधि समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री ने इसके जल्द नवीनीकरण और दिल्ली को 980 मिलियन गैलन (एमजीडी) से बढ़ाकर 1250 एमजीडी पानी देने, मुनक नहर और आइटीओ बैराज के रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली को सौंपने तथा नहर से मिलने वाले पानी का आकलन नहर के दिल्ली-प्रवेश बिंदु पर किए जाने की मांग की।
कहा, दिल्ली की जल आवश्यकता को ध्यान में रखकर रेनुकाजी, लखवार और किशाऊ डैम परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार हर साझा पहल में सक्रिय सहयोग करने और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।