दिल्ली पुलिस में दूर होगी जांच अधिकारियों की कमी, 135 नए SI समेत 291 पुलिसकर्मी फोर्स में शामिल
दिल्ली पुलिस अकादमी में 287 पुलिसकर्मियों और चार दानिप्स अधिकारियों के लिए पासिंग आउट परेड हुई। पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने संगठित अपराध, साइबर अपराध और आतंकवाद को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। प्रशिक्षुओं को पुलिस प्रक्रिया, आपराधिक कानून और साइबर अपराध में प्रशिक्षित किया गया।

एक साल का प्रशिक्षण पूरी कर दिल्ली पुलिस में शामिल हुए 291 दानिप्स अधिकारी, सब इंस्पेक्टर, हवलदार व सिपाही। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के 287 प्रशिक्षु पुलिसकर्मी समेत चार दानिप्स अधिकारियों के लिए दिल्ली पुलिस अकादमी, झरौदा कलां में बुधवार को पासिंग आउट परेड और शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर एक साल का प्रशिक्षण पूरी करने के बाद चार दानिप्स अधिकारी समेत 135 सब इंस्पेक्टर, 133 सिपाही और 19 अन्य रैंक के कर्मी पासिंग आउट परेड के बाद दिल्ली पुलिस में शामिल हो गए। ये अधिकारी व कर्मी अब दिल्ली पुलिस में अपनी भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और उन्हें ट्रेनिंग के दौरान मिली जानकारी को अपनी फील्ड ड्यूटी में इस्तेमाल करने के लिए हिम्मत दी।
उन्होंने सभी तरह की पुलिसिंग में महिलाओं के योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि उनके शामिल होने से कानून और व्यवस्था के प्रति संवेदनशीलता और इंसानियत आती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली पुलिस ने बार-बार अपनी काबिलियत साबित की है।
इंटरनेशनल समिट्स, सभी तरह के धार्मिक त्योहारों व आपदाओं के दौरान शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों ने मुश्किल चुनौतियों का सामना किया है, और उम्मीद है कि फोर्स में नए सदस्य भी इसी रफ्तार को जारी रखेंगे।
उन्होंने पगशिक्षुओं को इंटरनेट मीडिया की पहुंच के बारे में सावधान किया, जहां गलत जानकारी असली जानकारी से ज्यादा तेजी से फैलती है और उनसे झूठी बातों से निपटने के लिए टेक्नोलाजी का पूरा इस्तेमाल करने की अपील की।
आयुक्त ने कहा कि हमारा फोकस संगठित अपराध को रोकने, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पक्का करने , साइबर क्राइम और आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने पर होना चाहिए। इसके लिए हमारे कर्मचारियों को लेटेस्ट कंप्यूटर एप्लीकेशन, दूसरी तकनीक से अपडेटेड रहना चाहिए।
इस अवसर पर विशेष आयुक्त राबिन हिबू, नीरज ठाकुर, गरिमा भटनागर, मधुप कुमार तिवारी, देवेश चंद्र श्रीवास्तव, अनिल शुक्ला, मनीष कुमार अग्रवाल, संजय सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल बी एस राव, डायरेक्टर, सिक्योरिटी, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात भी मौजूद रहे।
उच्च शिक्षित हैं कुछ अधिकारी व कर्मी
दानिप्स प्रशिक्षु में एक एमटेक और दूसरे बीटेक है। 135 प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर में दो बी फार्मा, एक बीएएमएस, 13 बीटेक और एक एलएलबी हैं। सिपाहियों में दो बीटेक, दो पोस्ट ग्रेजुएट और 82 ग्रेजुएट हैं।
- एकेडमिक ट्रेनिंग: प्रशिक्षुओं को पुलिस प्रोसीजर, क्रिमिनल ला, क्रिमिनोलाजी, साइबर-क्राइम, इन्वेस्टिगेशन टेक्निक और फोरेंसिक साइंस की शिक्षा दी गई, जो इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के पिलर हैं, ताकि यह पक्का हो सके कि उन्हें जरूरी कानूनी और प्रोसीजर के बारे में ज्ञान है। उन्हें नए क्रिमिनल कानूनों के लागू होने पर खास फोकस के साथ ट्रेनिंग दी गई है।
- फिजिकल ट्रेनिंग: प्रशिक्षुओं ने बिना हथियार के लड़ाई, फायरिंग, एंटी-टेररिस्ट उपायों और फिजिकल फिटनेस एक्टिविटी जैसे गेम्स, योगा और जिम एक्सरसाइज में हिस्सा लिया।
- स्पेशल ट्रेनिंग में दंगा मैनेजमेंट, आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं, फिजिकल फिटनेस और एंड्योरेंस बनाने पर फोकस किया गया। इन्हें डिजास्टर रिस्पांस और टैक्टिकल वेपन हैंडलिंग की भी ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा, कमांडो कोर्स के हिस्से के तौर पर सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों को एक्सप्लोसिव और कमांडो टैक्टिक्स ट्रेनिंग, फील्ड क्राफ्ट, रेड और एम्बुश ट्रेनिंग और बिल्डिंग, अर्बन इंटरवेंशन ट्रेनिंग के बारे में बेसिक जानकारी दी गई।
इन्हें मिली ट्रॉफी
- ऑल-राउंड बेस्ट ट्राॅफी दानिप्स अधिकारी भारत भूषण व उनके बैच को दी गई।
- सब इंस्पेक्टर में सागर ने ऑल-राउंड बेस्ट ट्राॅफी जीती, जबकि करिश्मा ने बेस्ट आउटडोर और कमांडो ट्राफी जीती।
- हवलदार फिटर (इलेक्ट्रिशियन) प्रेम कुमार और सिपाही (स्टोर मैन) परवेश को उनकी अपनी-अपनी कैटेगरी में ऑल-राउंड बेस्ट ट्राॅफी दी गई।
- सिपाहियों में रंजना और शक्ति को उनकी अपनी-अपनी कैटेगरी में ऑल-राउंड बेस्ट ट्राॅफी दी गई।
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