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    विदेश में नौकरी दिलाने का फर्जीवाड़ा, 10 से ज्यादा मामलों में नामजद ठग शाहीन बाग से शातिर गिरफ्तार

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 12:58 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी विदेश में नौकरी दिलाने का फर्जीवाड़ा करता था और उसके खिलाफ 10 से ज्यादा मामले दर्ज ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। लक्जमबर्ग में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी के मामले में अमन विहार थाना पुलिस ने आरोपित को शाहीन बाग से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि आरोपित पर वर्ष 2012 से 2023 के बीच दिल्ली के अलग-अलग थानों में ठगी, दुष्कर्म और चोट पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। इसमें कुछ मामलों में आरोपित को दोषी भी ठहराया गया है।

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    आरोपित की पहचान अब्दुल उर्फ रहीसुद्दीन मलिक के रूप में हुई है। पुलिस आरोपित को दो दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। रोहिणी के जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर अमन विहार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

    आरोपितों को पकड़ने के लिए अमन विहार के एसएचओ विजय कुमार समारिया के नेतृत्व में सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव, अंकित और हेड कांस्टेबल संदीप की टीम बनाई। टीम ने सीडीआर व खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपित को शुक्रवार को शाहीन बाग से दबोच लिया।

    दर्ज एफआइआर के अनुसार सिविल इंजीनियर उमर फारूक अमन विहार क्षेत्र में परिवार के साथ रहते हैं। उमर के पिता मंजर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जब वे बेटे के लिए नौकरी की तलाश कर रहे थे। इस बीच इन्हें एक वाट्सएप ग्रुप पर विदेश में नौकरी दिलवाने का विज्ञापन देखा।

    उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर आरोपित ने अपना नाम रहीसुद्दीन मलिक बताया। उसने दावा किया कि वे पढ़े-लिखे भारतीय बच्चों को विदेश में उनकी काबिलियत के अनुसार नौकरी दिलवाते हैं। वह उनके बेटे को लग्जमबर्ग में सिविल इंजीनियरिंग नौकरी के लिए भेज देगा। उसने लक्जमबर्ग भेजने का खर्च तीन लाख रुपये बताया।

    पीड़ित ने बताया कि एक जनवरी 2025 को शाहीन बाग स्थित आरोपित के घर पर पहुंचे। उसने तब भी तीन लाख रुपये का खर्च बताया। अगले दिन बेटे को मेडिकल कराने और एंबेंसी में पासपोर्ट जमा करने के लिए बुलाया और उसी दिन चेकअप के बाद मेडिकल प्रमाण पत्र बेटे के वाट्सएप पर भेज दिए।

    बदले में 11 हजार रुपये मेडिकल चेकअप के लिए लिए मांगे और बेटे का पासपोर्ट भी जमा करा लिया। 21 जनवरी को अपने घर बुलाया। रुपयों की डिमांड की तो 50 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद 40 हजार रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए।

    कई बार में ऐंठे रुपये

    28 जनवरी को मंजर के बेटे के वाट्सएप पर आफर लेटर भेज दिया। फिर बाकी रुपयों का दबाव बनाया। इसके बाद छह फरवरी को 50 हजार रुपये अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। कई बार में उसने दो लाख 41 हजार रुपये ले लिए। मार्च में वीजा इनके बेटे के वाट्सएप पर भेज दिया।

    शिकायतकर्ता का आरोप है कि उस व्यक्ति ने हवाई जहाज का टिकट नौ अप्रैल तक आने की बात कही। आरोप है कि शिकायतकर्ता ने वीजा और आफर लेटर की लक्जमबर्ग एबेंसी में जांच कराई। एबेंसी ने उन्हें बताया कि सभी नकली हैं। आरोपित से रुपये की मांग करने पर उसने पीड़ित को दो चेक दिए, दोनों ही चेक बाउंस हो गए।

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