दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर बनाए जाएंगे तीन फ्लाईओवर, PWD की ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने की कवायद
दिल्ली सरकार आउटर रिंग रोड पर तीन फ्लाईओवर बनाने की योजना बना रही है। यह फ्लाईओवर कंझावला चौक, केशोपुर डिपो और सागरपुर में बनेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में यातायात को कम करना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी जल्द ही 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से व्यवहार्यता अध्ययन करेगा।

आउटर रिंग रोड पर बनेंगे तीन फ्लाईओवर।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए तीन फ्लाईओवर बनाने की योजना बना रहा है। जिसके लिए जल्द ही 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।
इस योजना के तहत आउटर रिंग रोड पर कंझावला चौक, केशोपुर डिपो तथा सागरपुर में फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। तीनों परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं।
पहला फ्लाईओवर कंझावला चौक से मायापुरी चौक तक निर्माण होना है और इसे आगे अर्बन एक्टेंशसन रोड 2 (यूईआर) परियोजना से जुड़ना है। इस खंड में कंझावला चौक यूईआर-2, सेक्टर-22 रोहिणी (बेगमपुर), वाई-ब्लाक मंगोलपुरी और पत्थर मार्केट जंक्शन पर स्थित तीन ट्रैफिक सिग्नल शामिल हैं।
परियोजना के अंतर्गत आने वाली सड़क की कुल लंबाई लगभग 10 किलोमीटर है। इस अध्ययन की लागत 3.4 करोड़ रुपये है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट छह महीने के भीतर लोक निर्माण विभाग को प्रस्तुत की जानी है।
दूसरी परियोजना के तहत शोपुर डिपो के पास से शुरू होकर बाहरी रिंग रोड पर हैदरपुर क्षेत्र तक नाले के किनारे एक फ्लाईओवर का निर्माण है, जिसकी दूरी लगभग 17.5 किलोमीटर है। इस परियोजना के अध्ययन की लागत 5.6 करोड़ रुपये है।
निविदा के अनुसार विस्तृत अध्ययन में पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण और सभी इमारतों का मानचित्रण, अतिक्रमणों का विवरण, पेड़ों की संख्या, साइनेज, सड़क की विशेषताएं और इस परियोजना के क्षेत्र में स्थित अन्य स्थायी संरचनाओं का विवरण शामिल होगा। सड़क के इस हिस्से में कई पेड़ भी हैं; सलाहकार काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या और उन पेड़ों का विवरण प्रदान करेगा जिन्हें प्रतिरोपण द्वारा बचाया जा सकता है।
तीसरा फ्लाईओवर सागरपुर से मायापुरी चौक तक 4.3 किलोमीटर लंबी सड़क पर बनाया जाना है, लेकिन इसमें कई चुनौतियां हैं। निविदा से पता चलता है कि यह हिस्सा तिहाड़ जेल परिसर की चारदीवारी के पास है। इसके अलावा, जिस सड़क पर फ्लाईओवर बनाने की योजना है, उस हिस्से पर एक हाई-टेंशन बिजली लाइन भी गुजर रही है।
लोक निर्माण विभाग अधिकारी ने कहा कि सड़क पर लगभग 300 पेड़ हैं, और सड़क पर कई अतिक्रमणों के कारण मार्गाधिकार (आरओडब्ल्यू) अलग-अलग है। इस परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन 1.3 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसकी समय सीमा छह महीने है।

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