दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति में बहुमत में भाजपा, लेकिन हावी पड़ा विपक्ष
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में भाजपा पार्षदों के बहुमत के बावजूद विपक्ष हावी रहा। आप पार्षदों ने प्रदूषण, सफाई व्यवस्था और शिक्षकों के तब ...और पढ़ें

निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति में बहुमत के बाद भी भाजपा कमजोर पड़ रही है। साथ ही ज्यादातर बैठकों में विपक्ष हावी होता जा रहा है। बुधवार को हुई बैठक में भाजपा के पार्षदों पर आप के पार्षद हावी रहे।
वहीं, स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा के लिए असहज स्थिति जब हो गई तब भाजपा के ही पार्षदों ने प्रदूषण सेे लेकर सफाई व्यवस्था और शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर सवाल खड़े कर दिए। इतना ही नहीं कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि विपक्ष के पार्षद प्रवीण कुमार और अंकुश नारंग ने बैठक को एक तरह से चलना मुश्किल कर दिया।
स्थायी समिति की बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर से खराब हो रखी स्थिति को लेकर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर ठीक नहीं है लेकिन निगम द्वारा जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों को पक्का करने के बाद उन्हें पक्के कर्मचारी की तरह वेतन न मिलने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पक्का करने और सातवें वेतन आयोग का बकाया देने के एवज में रिश्वत मांगी जा रही है। इसके साथ ही आप पार्षद प्रवीण कुमार ने सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी जोन में जो एजेंसी खराब कार्य कर रही थी उसका ठेका बढ़ाया जा रहा है। साथ ही उसे दूसरे एमसीडी के कार्य भी दिए जा रहे है। प्रवीण कुमार ने भाजपा पर स्थायी समिति में बिना चर्चा के प्रस्ताव पारित करने को लेकर भी सवाल खड़े किए। भाजपा पार्षदों ने अधिकारियों पर बैठक में उठाए गए सवालों के समय से और सही जवाब न देने का मुद्दा भी उठाया।
भाजपा पार्षद राजपाल सिंह ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उपलों से अंतिम संस्कार को शुरू न करने पर अधिकारियों को जिम्मेदार बताया। इसके साथ ही भाजपा के पार्षद सत्यपाल सिंह बिना शिक्षा समिति के मंजूरी के स्कूलों को मान्यता प्राप्त की मंजूरी देने पर सवाल खड़े करते हुए इसकी जांच की मांग की। वहीं, उन्होंने एमसीडी के शिक्षकों के तबादले में भी भ्रष्टाचार होने का दावा किया। वहीं, सभी शिक्षकों के ट्रांसफर को रद करने की मांग की।

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