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    ग्रेप-4 हटने के बाद भी जारी रहेगा ‘नो पीयूसीसी, नो फ्यूल’ का आदेश, दिल्ली कैबिनेट ने कई फैसलों पर लगाई मुहर

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:03 AM (IST)

    दिल्ली कैबिनेट ने ग्रेप-4 लागू हटने के बाद भी 'नो पीयूसीसी, नो फ्यूल' नियम को जारी रखने का फैसला किया है। इस नियम के तहत, वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणप ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रेप हटने के बाद भी राजधानी में ‘नो पीयूसीसी, नो फ्यूल’ अभियान जारी रहेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इसकी जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि बिना वैध पीयूसीसी के वाहन चलाना दिल्ली की हवा के खिलाफ अपराध जैसा माना जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही चार नए ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस जांच केंद्र शुरू किए जाएंगे। ऊंची इमारतों में धूल नियंत्रण के लिए मिस्ट आधारित सिस्टम लगाने की अनुमति भी दे दी गई है।

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    ड्राइवर-कंडक्टरों को ज्यादा स्थिरता मिलेगी

    इसके साथ ही सरकार ने बस सेवा का संचालन डिम्ट्स (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-माडल ट्रांजिट सिस्टम) से वापस लेने का फैसला किया है। यह व्यवस्था एक अप्रैल 2026 से लागू कर दी जाएगी। अभी बस सेवा संचालन की जिम्मेदारी डिम्ट्स और डीटीसी के पास है। कांग्रेस सरकार के समय अप्रैल 2006 में डिम्ट्स का गठन हुआ था और अभी डिम्ट्स के तहत 2500 बसें संचालित होती हैं। सरकार का मानना है कि नए फैसले से बस सेवा बेहतर होगी। रूट व्यवस्था बेहतर होगी और ड्राइवर-कंडक्टरों को ज्यादा स्थिरता मिलेगी।

    पीयूसीसी बनाने वाले 12 केंद्र निलंबित

    दिल्ली सरकार ने हालिया जांच में पीयूसीसी बनाने वाले 12 केंद्रों में गड़बड़ियां मिलने पर उन केंद्रों को निलंबित कर दिया है। 800 से अधिक प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी कार्रवाई की गई है।

    160 झील पुनर्जीवित होंगे 100 करोड़ से

    दिल्ली सरकार अपने अधीन आने वाली झीलों को विकसित करेगी। दिल्ली में कुल 1000 झीलें (जलाशय) हैं, जिनमें से लगभग 160 झीलें दिल्ली सरकार के अधीन हैं। इन झीलों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ की मंजूरी दी है। इससे पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा इसके लिए 19 करोड़ रुपये दिए गए थे। सरकार का मानना है कि झीलों को पुनर्विसित किया जाता है तो ये प्रदूषण नियंत्रण में बड़ी भूमिका निभाएंगी। इसी तरह का कदम उठाने के लिए डीडीए से भी समन्वय किया जाएगा।

    होलंबी कलां में बनेगा पहला ई-वेस्ट पार्क

    एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने होलंबी कलां में 11.5 एकड़ में बनने वाले दिल्ली के पहले ई-वेस्ट पार्क को मंज़ूरी दे दी है। यह इस तरह के माडल पर आधारित होगा, जहां जीरो वेस्ट और जीरो प्रदूषण के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा। यह परियोजना कई वर्षों से अटकी हुई थी। यह देश का पहला ऐसा आधुनिक ई-वेस्ट पार्क होगा, जहां पानी और हवा दोनों को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। यहां इस्तेमाल होने वाला पूरा पानी रीसाइकल किया जाएगा। इसके लिए जल्द टेंडर जारी किए जाएंगे।

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