Delhi Pollution: क्या है दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह? ग्रेप-4 की पाबंदियां भी बेअसर
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। ग्रेप-4 की पाबंदियों के बावजूद प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ...और पढ़ें

प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क लगाए लोग। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। टीकरी बॉर्डर से दिल्ली में कदम रखते ही लोगों की सांसें घुटने लगती हैं। यहां पर सड़कों से उड़ती धूल, प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बन रही है, मगर लंबे समय से इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस स्थिति में ग्रेप-4 की पाबंदियां भी बेमानी हैं, जब सरकार के स्तर पर सड़क की सफाई ही नहीं हो रही है तो पाबंदियों का भी क्या फायदा।
टीकरी बॉर्डर लंबे समय से बदहाल है। जब बहादुरगढ़ से दिल्ली में प्रवेश करते हैं तो सीमा के शुरुआती प्वाइंट से लेकर दिल्ली में कई किलोमीटर आगे तक दिल्ली-रोहतक रोड पर भारी मात्रा में रेत-मिट्टी जमा है। अभी तो यहां पर दोनों तरफ से नालों का काम चल रहा है। इसके लिए यहां पर खोदाई की गई है।
इससे सड़क पर मिट्टी के ढेर हैं, लेकिन दूसरी तरफ स्थिति यह भी है कि इस हिस्से में सड़क टूटी हई है और लंबे समय से सड़कों पर कोई सफाई नहीं की गई है। दोनों तरफ की लेन में डिवाइडर के साथ-साथ आठ इंच तक रेत की परत जमी है। ऐसे में वाहनों की आवाजाही से यहां से धूल का गुबार छाया रहा है।
इन दिनों दिल्ली में बीएस-6 से नीचे के वाहनों की एंट्री रोकने के लिए टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की जो टीमें तैनात हैं, वे भी इस धूल भरे माहौल में परेशान रहती हैं। टीमों के कर्मचारियों के लिए यहां पर दिन भर तैनात रहना आफत बन जाता है।
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आसपास के दुकानदारों का कहना है कि सड़क की हालत देखकर पहली नजर में ही यह अंदाजा हो जाता है कि इस जगह की कितनी उपेक्षा की जा रही है, जबकि यह देश की राजधानी दिल्ली का हरियाणा से प्रमुख प्रवेश द्वार है। वर्ष 2020-21 में यहां पर किसान आंदोलन चला। उसके बाद भी यहां पर कभी सफाई नहीं हुई।
पिछले दिनों टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के नीचे एक तरफ सड़क की पैचिंग तो की गई, मगर वह भी महज खानापूर्ति ही थी, क्योंकि जहां पर यह पैचिंग की गई, वहां पर अब फिर से गड्ढे बन चुके हैं। टीकरी बॉर्डर से लेकर मुंडका तक सड़क की हालत इतनी खराब है कि धूल ही धूल रहती है।
ये हालात तब हैं जब प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ा हुआ और दिल्ली में इसको लेकर शोर मचा है। टीकरी बॉर्डर के दुकानदार सूरज व हरिओम ने बताया कि एक तरफ तो ग्रैप-4 की पाबंदियां लगी हैं और दूसरी तरफ इस तरह से धूल उड़ रही है।
मगर न तो सड़क की मरम्मत हो रही है और न ही सफाई। अगर सड़क पर लंबे समय से जमा रेत-मिट्टी का उठान कर अच्छी तरह से सफाई की जाए तो इस हिस्से में धूल की वजह से जो सांस लेना भी दूभर है, उससे राहत मिल जाए। सड़क के दोनों तरफ दुकानों के अंदर तक धूल की परत जम जाती है।
दिल्ली में नो एंट्री तो बहादुरगढ़ में आफत बने हैं वाहन
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह से इन दिनों बीएस-6 से नीचे के वाहनों की एंट्री बंद है। ऐसे में मालवाहक भारी वाहन अन्य जगहों से आकर बहादुरगढ़ में दिल्ली सीमा से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले बाईपास पर ठहर जाते है। यहां पर ये वाहन आफ बन रहे हैं, क्योंकि नेशनल हाइवे की मुख्य लेन और सर्विस लेन पर खड़े रहते हैं। इनके कारण कोहरे में हादसे की संभावना भी रहती है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों को मना किया जा चुका है मगर यह सिलसिला थम नहीं रहा है।

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