दिल्ली में नवजात शिशु के अपहरण का पर्दाफाश, बच्चे संग गिरफ्तार हुए दंपती ने खोला खौफनाक साजिश का राज
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने 27 दिन पहले हुए नवजात शिशु के अपहरण का पर्दाफाश किया। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है और अपहरण में शामिल निःसंतान दंपती, घरेलू सहायिका और दो किशोरों समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चोरी की स्कूटी भी बरामद हुई।
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली में तिलक नगर थाना पुलिस ने अपहरण के एक मामले को सुलझाते हुए 27 दिन बाद नवजात शिशु को सकुशल बचा लिया। अपहरण में इस्तेमाल हुई चोरी की स्कूटी भी बरामद कर ली गई। पुलिस ने निःसंतान दंपती, उनकी घरेलू सहायिका सहयोगी और दो किशोरों समेत सभी आरोपितों को पकड़ लिया है।
उत्तम नगर निवासी घरेलू सहायिका माया कीर्ति नगर इलाके में काम करती थी। उसके पड़ोसी शुभ करण ( पीओपी/पेंट का काम) और संयोगिता (27 वर्ष, गृहिणी) कई वर्षों से संतानहीन थे। सुभाष नगर के पैसिफिक मॉल के पास सड़क किनारे रहने वाली एक महिला के नवजात बच्चे को देखकर माया ने दंपती के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई।
माया ने 20 हजार रुपये देकर एक किशोर को अपहरण के लिए तैयार किया। इस किशोर ने अपने साथी किशोर के साथ मिलकर सुबह करीब पांच बजे चोरी की स्कूटी से बच्चे को उठाया और माया को सौंप दिया। माया ने शिशु को दंपती के हवाले कर दिया।
 
तिलक नगर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एसआई सुनील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल राजबीर, करण, अरविंद, कॉन्स्टेबल धनेश और राकेश की टीम गठित की गई। एसीपी डॉ. गरिमा तिवारी की निगरानी और डीसीपी (पश्चिम) शरद भास्कर दाराडे के दिशानिर्देशन में जांच शुरू हुई।
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इसके बाद टीम ने इलाके और संभावित मार्ग की 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाली। स्कूटी का पता नारायणा थाना क्षेत्र से चोरी की निकला। जेल में बंद विकास उर्फ रयोन ने इसे अनिल को सौंपा था, जिसने किशोर को दिया। वहीं, किशोर से की गई पूछताछ से पूरी साजिश खुल गई।
पुलिस ने माया, शुभ करण और संयोगिता को उनके घरों से दबोचा है। शिशु को दंपती के कब्जे से बचाकर जैविक माता-पिता को सौंप दिया गया।

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