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    दिल्ली के 121 किराए के मोहल्ला क्लीनिक बंद, 605 कर्मचारियों को दो सप्ताह का नोटिस देकर सेवाएं समाप्त

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 10:09 PM (IST)

    दिल्ली में 121 किराए के मोहल्ला क्लीनिक बंद कर दिए गए हैं, जिससे 605 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। कर्मचारियों को दो सप्ताह का नोटिस देकर सेवा से हटा दिया गया। इस कदम से दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मोहल्ला क्लीनिक परियोजना के अंतर्गत कार्यरत 605 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीजीएचएस) की ओर से 30 अक्टूबर को इस आशय के जारी आदेश अनुसार दिल्ली के 121 किराए के मोहल्ला क्लीनिक के बंद होने के कारण यह कदम उठाया गया है। इनमें वसुंधरा एन्क्लेव, दल्लुपुरा, कोंडली, मयूर विहार फेज-3, न्यू अशोक नगर, त्रिलोकपुरी और कल्याणपुरी सहित कई क्षेत्रों के क्लीनिक शामिल हैं।

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    डीजीएचएस से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक क्लीनिक में पांच-पांच पद (एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक स्टाफ नर्स, एक मल्टी-टास्क वर्कर-हेल्पर और एक सहायक) स्वीकृत थे। इस प्रकार कुल 605 कर्मचारी इन क्लीनिक में काम कर रहे थे। सभी इससे प्रभावित हुए हैं। मोहल्ला क्लीनिक के कर्मियों को इसके लिए दो सप्ताह का नोटिस दिया गया है।

    मोहल्ला क्लीनिक बंद करने के निर्णय को लेकर बताया गया कि यह उन स्थानों पर हैं, जहां एक किलोमीटर की परिधि में पहले से सरकारी स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं। इस तरह के दोहराव को समाप्त कर संसाधनों का पुनर्विन्यास के लिए इन्हें बंद कर उन स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाओं को आरंभ किया जाएगा जहां वह अनुलब्ध हैं। साथ ही, किराये के भवनों पर हो रहे अतिरिक्त व्यय को कम करना भी उद्देश्य बताया गया है।

    बताया गया है कि उनकी सेवाएं सेवा अनुबंध की धारा 17 के तहत समाप्त की गई हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप इस धारा में प्रावधान है कि दी सप्ताह का नोटिस देकर किसी भी कारण से सेवा समाप्त की जा सकती है। सभी प्रभावित कर्मचारियों को 13 नवंबर 2025 तक अपने-अपने क्लीनिक से रेकार्ड, मरीज रजिस्टर, दवाइयां, उपकरण और अन्य सामग्री संबंधित सीडीएमओ कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर उन पर दंडात्मक आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।

    मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारी इसे लेकर लामबंद हो रहे हैं। राम प्रसाद, रमेश और सीताराम ने इसे अनुबंध कर्मियों के साथ अन्याय करार दिया और वैकल्पिक नियुक्ति की मांग की। उधर, इस मामले में सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर की जाने वाली नई व्यवस्था में इन कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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