दिल्ली मेट्रो के 23 साल... 8 किमी से 395 किमी तक का सफर, बन गया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क
दिल्ली मेट्रो ने बुधवार को 23 साल पूरे कर लिए। 2002 में शुरू हुई यह सेवा आज दिल्ली-एनसीआर में 395 किमी तक फैल चुकी है। वर्तमान में 26 शहरों में मेट्रो ...और पढ़ें
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दिल्ली मेट्रो ने बुधवार को 23 साल पूरे कर लिए। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने बुधवार को अपने सफर के 23 साल पूरे कर लिए। 24 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीरी गेट से शाहदरा-तीस हजारी तक 8.2 किमी रेड लाइन को हरी झंडी दिखाई थी। आज दिल्ली-NCR में मेट्रो नेटवर्क 395 किलोमीटर लंबा हो चुका है, जिसमें 289 स्टेशन और 12 लाइनें हैं। प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्री इसका उपयोग करते हैं।
देश में कुल 26 शहरों में मेट्रो सेवा चल रही है और भारत का मेट्रो नेटवर्क चीन व अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा है। यहां 1090 किमी लाइनों पर परिचालन हो रहा है और हर महीने औसतन 6.2 किमी नई लाइन तैयार हो रही है। देशभर में रोजाना 1.15 करोड़ राइडरशिप है। दिल्ली मेट्रो पर्यावरण के लिए भी मिसाल है। यह सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करती है और प्रति किमी यात्रा पर 32.38 ग्राम CO2 उत्सर्जन रोकती है।
देश में मेट्रोः-
- देश का मेट्रो नेटवर्क चीन और अमेरिका के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है।
- वर्तमान में देश के 26 शहरों में मेट्रो नेटवर्क है, जहां 1090 मेट्रो लाइनों पर परिचालन हो रहा है।
- देश में प्रतिमाह 6.2 किमी मेट्रो लाइनें तैयार हो रही हैं।
- देश में मेट्रो की औसत प्रतिदिन राइडरशिप 1.15 करोड़ है।
दिल्ली मेट्रोः-
दिल्ली मेट्रो को बुधवार को 23 साल पूरे हो गए हैं। 24 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली मेट्रो TS-01 को कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन से हरी झंडी दिखाई थी। उस समय मेट्रो का पहला रूट रेड लाइन पर शाहदरा से तीस हजारी तक 8.2 किमी का था।
- एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 395 किमी है, जिनपर 289 स्टेशन हैं।
- यहां प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्री मेट्रो सेवा का उपयोग करते हैं।
- एनसीआर में 12 लाइनों पर दिल्ली मेट्रो का परिचालन हो रहा है।
- दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन (मजलिस पार्क-बुराड़ी) देश की सबसे लंबी मेट्रो लाइन है। 57.49 किमी लंबी ये लाइन ‘यू’ आकार में है, जिसपर 45 स्टेशन हैं और 11 स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा है।
- मेट्रो का पहला अंडरग्राउंड खंड येलो लाइन पर विश्वविद्यालय से कश्मीरी गेट के बीच 20 दिसंबर, 2004 को शुरू हुआ था। इसकी लंबाई चार किमी थी।
- दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक दिल्ली के लिए बिजली से चलने वाली मेट्रो पर्यावरण हितैषी परिवहन सेवा उपलब्ध करा रही है। यह मौसमी बदलाव रोकने में सक्रिय भूमिका निभा रही है और सतत शहरी विकास माडल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- दिल्ली मेट्रो एनसीआर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने में मददगार साबित हो रही है और इसके कारण वाहनों का ईंधन जलने से होने वाले जहरीली गैसों के उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आती है।
- पर्यावरण थिंक टैंक टेरी के एक अध्ययन के अनुसार, सड़क मार्ग से यात्रा करने के बजाय मेट्रो रेल से यात्रा करने पर एक यात्री प्रति किमी 32.38 ग्राम कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन रोकता है।
- वर्तमान में दिल्ली मेट्रो अपने परिचालन के लिए 33 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करता है, जिसे निकट भविष्य में 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
निर्माणाधीन परियोजनाएं:-
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो की चौथे चरण की छह परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
1. एरोसिटी-तुगलकाबाद -23.2 किमी
2. जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम (लाइन 8 का विस्तार) – 29 किमी
3. मुकुंदपुर-मौजपुर (लाइन 7 का विस्तार) -12.3 किमी
4. इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ - 12.4 किमी
5. लाजपत नगर-साकेत जी ब्लाक – 8.4 किमी
6. रिठाला-नरेला-कुंडली – 26.5 किमी
उल्लेखनीय है किवर्तमान में 33% नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग हो रहा है, जिसे जल्द 60% करने का लक्ष्य है। पिंक लाइन (मजलिस पार्क-बुराड़ी) 57.49 किमी के साथ देश की सबसे लंबी मेट्रो लाइन है।फेज-4 में छह बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, जिनमें एरोसिटी-तुगलकाबाद (23.2 किमी), जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम (29 किमी) समेत कुल 112 किमी से ज्यादा लाइनें शामिल हैं।

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