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    Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो के चलने के बाद क्या बनेंगे हालात, अध्ययन में सामने आई बड़ी बात

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:16 AM (IST)

    Delhi Metro News अध्ययन में सामने आया है कि मेट्रो चालू नहीं हुई है लेकिन शुरू होने के बाद भी इसमें यात्रियों की संख्या काफी कम ही रहने की संभावना है।

    Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो के चलने के बाद क्या बनेंगे हालात, अध्ययन में सामने आई बड़ी बात

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Metro News: कोरोना ने लोगों की दिनचर्या ही नहीं, उनके परिवहन का स्वरूप और प्राथमिकताएं भी बदल दी हैं। अब लोग सार्वजनिक नहीं, निजी वाहनों से सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। कम दूरी की यात्रा के लिए लोग साइकिल चलाने के साथ-साथ पैदल चलने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। मेट्रो चालू नहीं हुई है, लेकिन शुरू होने के बाद भी इसमें यात्रियों की संख्या काफी कम ही रहने की संभावना है। दरअसल, सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने गूगल मोबिलिटी डाटा के जरिए लॉकडाउन खुलने के बाद दिल्ली-एनसीआर में परिवहन के बदले तौर तरीकों पर आंकड़े लेकर अध्ययन किया है।

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    निजी वाहनों पर बढ़ी निर्भरता

    आंकड़ों को लेकर हुए अध्ययन में यह सामने आया है कि कोरोना संक्रमण के डर से लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम कर रहे हैं, जबकि निजी वाहनों पर निर्भरता बढ़ रही है। सार्वजनिक परिवहन में अभी केवल बसें चली हैं, मेट्रो बंद है। बसों में अगले छह माह तक बमुश्किल 27 फीसद ही लोग सफर करेंगे। इसी तरह मेट्रो चलने के बाद भी पहले के 30 फीसद यात्रियों की तुलना में 10 फीसद लोग ही इसमें चढ़ेंगे।

    ऑटो और ई रिक्शा का प्रयोग 10-15 फीसद हुआ

    वहीं, दूसरी तरफ 5 से 10 किलोमीटर की दूरी के लिए कार का इस्तेमाल 20 से बढ़कर 33 फीसद पहुंच गया है। ऑटो और ई रिक्शा का प्रयोग 10 से 15 फीसद हुआ है। पांच किलोमीटर से कम दूरी के लिए नॉन मोटराइज्ड वाहनों का उपयाेग 14 से बढ़कर 43 फीसद तक हो गया है। इतनी दूरी के लिए लोग पैदल भी चल रहे हैं, साइकिल भी चला रहे हैं और पैडल चालित परंपरागत रिक्शा का सहारा भी रहे हैं।

    बस और मेट्रो से दूरी भी बढ़ा रही समस्या

    बस और मेट्रो से दूरी भी दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए निजी वाहन का इस्तेमाल करना मजबूरी बन रही है। 40 फीसद लोगों के घर से 500 मीटर के दायरे में बस स्टाप, जबकि 69 फीसद लोगों के घर से इतनी ही दूरी में मेट्रो स्टेशन नहीं है। ऐसे में इन्हें ऑटो या ग्रामीण सेवा का उपयोग करना पड़ता है। दिल्ली-एनसीआर में केवल 34 फीसद लोगों के घर से 200 मीटर के दायरे में बस स्टॉप और 11 फीसद लोगों के घर से दतनी ही दूरी पर मेट्रो स्टेशन उपलब्ध है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में सर्वाधिक 42 फीसद हिस्सेदारी वाहनों के धुंए की ही है। सड़कों पर यातायात जाम भी इसीलिए बढ़ रहा है।

    सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार की जरूरत

    अनुमिता रायचौधरी (कार्यकारी निदेशक, सीएसई) का कहना है कि बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम होती है। यातायात जाम और प्रदूषण से भी निजात मिलती है, इसलिए सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाए जाने की जरूरत है। सार्वजनिक परिवहन का ढांचा इस प्रकार से विकसित होना चाहिए कि लोगों को अपने घर के पास ही बस या मेट्रो मिल जाए।  

    3 महीने से बंद है मेट्रो का संचालन

    कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने के साथ ही दिल्ली में मेट्रो का संचालन पूरी तरह बंद है। दिल्ली-एनसीआर की लाइफलाइन कही जाने वाली दिल्ली में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं।

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