Delhi MCD: शपथग्रहण को लेकर AAP और BJP में नहीं बनी सहमति, एल्डरमैन की पहले शपथ हुई तो हो सकता है हंगामा
दिल्ली नगर निगम के नए पार्षदों के साथ मनोनीत सदस्यो (एल्डरमैन) की शपथ और महापौर चुनाव को लेकर होने वाली निगम सदन की बैठक में हंगामा होने का पूरे आसार है। इस बार भी हंगामे की वजह एल्डरमैन को सबसे पहले शपथग्रहण कराने की होगी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ मनोनीत सदस्यो (एल्डरमैन) की शपथ और महापौर चुनाव को लेकर होने वाली निगम सदन की बैठक में हंगामा होने के पूरे आसार है। इस बार भी हंगामे की वजह एल्डरमैन को सबसे पहले शपथग्रहण कराने की होगी। शपथग्रहण को लेकर रणनीति पर आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा में कोई सहमति नहीं बन पा रही है।
इतना ही नहीं जो पार्षद सहमति बनाने की कोशिश में भी जुटे हैं वह भी अपने दल को इस संबंध में मना नहीं पा रहे है। ऐसे में 24 जनवरी को होने वाली निगम सदन की बैठक फिर से हंगामेदार हो सकती है। हालांकि हंगामे के बीच शपथग्रहण हो पाएगा या फिर वहीं स्थिति बनेगी यह तो उसी दिन पता चल पाएगा।
सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चले इसकी अहम जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी के पास होगी। हालांकि पूर्व की बैठक की पीठासीन अधिकारी रही सत्या शर्मा यह स्पष्ट कर चुकी है कि उन्होंने नियमों के मुताबिक की एल़्डरमैन को शपथ दिलानी शुरू की थी, अगर वह फिर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त होती है तो वह एल्डरमैन की ही शपथ पहले कराएगी।
आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनका विरोध पूरी तरह से इस बात पर है कि एल्डरमैन को नियुक्त करने की जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह पूरी तरह गलत है। साथ ही उपराज्यपाल को एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार ही नहीं है। ऐसे में इन एल्डरमैन की शपथ कराई जाती है तो आप इसका विरोध करेगी।
एल्डरमैन को पहले कराई थी शपथ
छह जनवरी को हुई सदन की बैठक में पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने जैसे ही शपथ ली तो सदन की कार्यवाही शुरू करते ही उन्होंने एल्डरमैन की शपथ कराने के आदेश दिए। इसमें एक सदस्य ने शपथ ले भी ली, लेकिन आप के विरोध के चलते हंगामा इतना बढ़ गया कि वह गोल्डन बुक पर हस्ताक्षर भी नहीं कर पाया। आप का कहना था कि भाजपा एल्डरमैन के जरिये चोर दरवाजे से महापौर बनाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में निर्वाचित सदस्यों या मनोनीत सदस्यों में से किसकी शपथ पहले हो इसको लेकर निगम एक्ट में कोई प्रविधान नहीं है। एक्ट के अनुसार दोनों को शपथ दिलाई जानी चाहिए। निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता बताते है कि यह पीठासीन अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है कि किन सदस्यों को पहले शपथ के लिए बुलाए।
हालांकि अब तक तक की परंपरा यही रही कि वार्ड नंबर एक से निर्वाचित सदस्यों की शपथ होती थी। पूर्व में मनोनीत सदस्य सदन की पहली बैठक होने के बाद ही मनोनीत होते रहे हैं। यह पहला मौका है जब सदन में निर्वाचित और मनोनीत सदस्य पहली ही बैठक में मौजूद रहेंगे। ऐसे में पीठासीन अधिकारी का विवेक है कि वह पहले किसकी शपथ कराए।
तीन दिन सिविक सेंटर पर पुख्ता होगी सुरक्षा
दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय सिविक सेंटर दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत हैं। ऐसे में गणतंत्र दिवस पर यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं। इसलिए सिविक सेंटर को रविवार दोपहर दो बजे से लेकर सोमवार दोपहर 12 बजे तक बंद रखा जाएगा। इसकी प्रकार 25 जनवरी की दोपहर दो बजे से 26 जनवरी दोपहर 12 बजे तक बंद रहेगा।
यहां पर इस समय सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे। ऐसे में निगम को 24 तारीख को सदन की तैयारी 20-21 तरीख को ही पूरी करनी होगी। वहीं, निगम को सदन की बैठक के लिए पुलिस सुरक्षा मिलने में भी कठिनाई हो सकती है, क्योंकि गणतंत्र दिवस की तैयारी के लिए पहले ही पुलिस तैनात रहेगी।

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