27 साल बाद बनी भाजपा की दिल्ली सरकार के सामने बड़ी चुनौती, इस चुनाव में AAP-BJP में होगी कांटे की टक्कर
दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों में उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा और आप दोनों जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 27 साल बाद सत्ता में आने के बाद पहली परीक्षा है। भाजपा अपने कब्जे वाले वार्डों के साथ अन्य पर भी जीत का प्रयास कर रही है, और सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रही है।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में नगर निगम के 12 वार्डों में उपचुनाव की घोषणा हो गई है। इससे एक बार फिर से दिल्ली के राजनीतिक माहौल में गरमाहट आने लगी है। भाजपा व आम आदमी पार्टी, दोनों ने इसका स्वागत करते हुए जीत का दावा किया है।
भाजपा के लिए इस चुनाव का विशेष महत्व है, क्योंकि 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता प्राप्त करने के बाद यह उसकी पहली चुनावी परीक्षा है। उपचुनाव वाले वार्डों में शालीमार बाग भी शामिल है। यहां से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पार्षद थीं।
इन 12 में से नौ वार्डों पर भाजपा और तीन पर आप का कब्जा था। कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से सांसद चुने जाने के बाद पिछले वर्ष मई से ही द्वारका बी वार्ड में कोई पार्षद नहीं है। वहीं, फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता सहित आठ पार्षदों ने जीत प्राप्त की थी। आप के भी तीन पार्षदों के विधानसभा पहुंचने से रिक्त हुए वार्डों में उपचुनाव होना है।
भाजपा का प्रयास अपने कब्जे वाले वार्डों के साथ ही अन्य तीन में जीत प्राप्त करने का है। इसके लिए पार्टी रणनीति तैयार करने में लग गई है। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि रेखा गुप्ता सरकार के आठ माह के काम का लाभ उसे निगम उपचुनाव में होगा। यमुना की सफाई, छठ पूजा का सफल आयोजन, प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना सहित इस सरकार की अन्य उपलब्धियां बताकर संबंधित वार्डो में वोट मांगने की रणनीति बनाई जा रही है।
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नगर निगम उपचुनाव का परिणाम एक तरफा भाजपा के पक्ष में रहेगा। पिछले आठ माह में दिल्लीवासियों ने देखा है कि किस तरह भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार बनने के बाद दिल्ली के विकास एवं प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई दिशा मिली है। कांवड़ यात्रा एवं छठ पूजा के भव्य आयोजन, दीपावली पर ग्रीन पटाखे की अनुमति दिलाने और प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा के निर्णय से दिल्लीवासी खुश हैं। वह भाजपा सरकार के काम से प्रभावित हैं। इससे निगम उपचुनाव में सभी वार्डों में भाजपा की जीत होगी। - वीरेंद्र सचदेवा (दिल्ली भाजपा अध्यक्ष)
इन नौ वार्डों पर था भाजपा का कब्जा
वार्ड- निगम चुनाव में इन्हें मिली थी जीत
शालीमार बाग-रेखा गुप्ता (अब मुख्यमंत्री)
द्वारका बी-कमलजीत सहरावत (अब पश्चिमी दिल्ली सांसद)
ग्रेटर कैलाश-शिखा राय (अब विधायक)
ढिचाऊं कलां-नीलम पहलवान (अब विधायक)
नारायणा-उमंग बजाज (अब विधायक)
संगम विहार-चंदन चौधरी (अब विधायक)
विनोद नगर- रविंद्र नेगी (अब विधायक)
अशोक विहार-पूनम भारद्वाज (अब विधायक)
मुंडका-गजेंद्र दराल (अब विधायक)
इन वार्डों पर था आप का कब्जा
वार्ड- निगम चुनाव में इन्हें मिली थी जीत
चांदनी महल- आले मोहम्मद इकबाल
चांदनी चौक- पुनरदीप साहनी
दक्षिणपुरी-प्रेम चौहान

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