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    Delhi MCD Budget: दिल्ली में पार्कों से पार्किंग तक हो सुधार, विकास के लिए फंड बढ़ाने की मांग

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 11:05 PM (IST)

    एमसीडी की स्थायी समिति की बैठक में वार्ड कमेटियों ने बजट प्रस्ताव पेश किए। अवैध पार्किंग को नियमित करने, पार्कों के सुधार और विकास के लिए फंड बढ़ाने क ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में अवैध पार्किंग से लेकर पार्कों की खराब स्थिति की समस्या है। पार्षद चाहते हैं इसका तत्काल समाधान हो। इसी को लेकर सोमवार को एमसीडी की स्थायी समिति की विशेष बैठक में संशोधित बजट अनुमान 2025-26 और बजट अनुमान 2026-27 को लेकर 12 वार्ड समितियों के चेयरमैन ने अपने-अपने सुझाव और प्रस्ताव पेश किए।

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    एमसीडी के एकीकरण के बाद यह पहली बार हुआ हैं क्योंकि ढाई साल बाद इस वर्ष ही स्थायी समिति का गठन हुआ है। अब तक बजट सीधे सदन से ही पास हो रहा था। वार्ड कमेटियों के चेयरमैन ने अपने-अपने जोन के मुद्दे उठाते हुए एमसीडी के राजस्व को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संसाधन खोजने का सुझाव दिया है।

    नियमित पार्किंग के संचालन पर जोर देने की मांग

    साथ ही अवैध पार्किंग की समस्या से निजात दिलाकर नियमित पार्किंग के संचालन पर जोर देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष पार्षदों को विकास के लिए मात्र 25 लाख का ही बजट मिला है। जो कि एक वार्ड के विकास के लिए नाकाफी है। निगम के आगे चुनौती यह भी है कि 16 हजार करोड़ की देनदारी है। ऐसे में पार्षदों को बजट क्षेत्र के विकास के लिए नहीं मिल पा रहा है।

    एमसीडी की विशेष बैठक में सिटी-सदर पहाड़गंज, पश्चिमी, मध्य, केशवपुरम, सिविल लाइंस, रोहिणी, करोल बाग, साउथ, नजफगढ़, शाहदरा नार्थ,शाहदरा साउथ जोन एवं नरेला के बजट प्रस्ताव पेश किए गए। जोनल कमेटियों के अध्यक्षों द्वारा विभिन्न सुझाव दिए गए और विशेष रूप से दो बिंदुओं पर जोर दिया कि कैसे अतिरिक्त राजस्व संसाधनों को तलाशकर उनका विस्तार किया जा सकता है। साथ ही जो खर्च हो रहा है उसमें कैसे अनुशासन और पारदर्शिता आ सकती है।

    बजट में आम नागरिक पर न पड़े अतिरिक्त कर भार 

    बैठक में जोनल कमेटी अध्यक्षों द्वारा निगम के राजस्व बढ़ाने हेतु विभिन्न संभावित स्रोतों पर भी प्रकाश डाला गया, जिनमें सामुदायिक भवनों का अधिकतम उपयोग, नई आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें कर दायरे में लाना शामिल है।

    संपत्ति कर, विज्ञापन शुल्क, पार्किंग शुल्क, लाइसेंस शुल्क जैसे पारंपरिक राजस्व स्रोतों को सरल और सुव्यवस्थित बनाकर अधिक से अधिक नागरिकों को ईमानदारी से कर अदा करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल भुगतान एवं सिंगल-विंडो सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए। इन सभी प्रयासों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि बजट में आम नागरिक पर अतिरिक्त कर भार न पड़े।

    बैठक के बाद स्थायी समिति की अध्यक्षा सत्या शर्मा ने कहा कि सभी जोन से प्राप्त सुझावों को सम्मिलित करते हुए एक जनहितकारी और व्यावहारिक बजट तैयार किया जाएगा। बजट केवल आय-व्यय का दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारे शहर, कॉलोनियों और नागरिकों की अपेक्षाओं, आवश्यकताओं और विकास को दिशा देने वाला रोडमैप है।

    उन्होंने कहा कि आय और व्यय के असंतुलन को दूर करने के लिए वित्तीय घाटे को कम करते हुए विभिन्न माध्यमों से आय बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान किया जा सके और निगम पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।