400 AQI में मैराथन? दिल्ली के जहरीले माहौल पर IAF के आयोजन पर सोशल मीडिया में उठ रहे सवाल
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार होने के बावजूद IAF द्वारा मैराथन आयोजन पर सोशल मीडिया में सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहरीले माहौल में दौड़ना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है कि उच्च प्रदूषण स्तर में दौड़ने से फेफड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है।

रविवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से सेखों आईएएफ मैराथन का आयोजन किया गया था। वीडियो ग्रैब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सहित एनसीआर की हवाओं में दीवाली के बाद से 'जहर' उड़ रहा है। गैस चैंबर बन चुके शहरों में सांस ले रहे लोगों के स्वास्थ्य को लेकर संकट जताया जा रहा है। इसी बीच रविवार को आसमान में धुंध और कोहरे की स्याह परत के माहौल में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है। यह 400 एक्यूआई के आंकड़े को पार कर गया है। ऐसे में राजधानी दिल्ली में इस भीषण प्रदूषण के बीच हुए साइक्लिंग और मैराथन इवेंट पर सोशल मीडिया में सवाल खड़े होने लगे हैं। लोग सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
दरअसल, रविवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से सेखों आईएएफ मैराथन का आयोजन किया गया था। यह मैराथन 10 और 5 किमी की दूरी तय करने के लिए आयोजित की गई थी। इसे भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने आयोजित किया था। इसी बीच रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 400 दर्ज किया गया है, जो आधिकारिक तौर पर 'गंभीर' की श्रेणी में है।
इसी कार्यक्रम को लेकर एक्स पर किए गए पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा, '400 AQI में मैराथन। कम से कम देश की विश्व में छवि की थोड़ी चिंता तो करें। ऐसे स्टंट करना किसी के लिए उपयोगी नहीं है। ये कौन लोग हैं जो ऐसी चीजों को अनुमति दे रहे हैं? हमारा विवेक कहां है?' यह पोस्ट एक वीडियो के जवाब में किया गया था, जिसमें अभिनेत्री अर्चना पूरन सिंह, हुमा कुरैशी, शेफाली शाह और सुनील ग्रोवर को सेखों आईएएफ मैराथन 2025 को हरी झंडी दिखाते हुए दिखाया गया था।
इसी पोस्ट के जवाब में एक अन्य एक्स यूजर ने पोस्ट किया, 'एक मैराथन धावक के रूप में, मैं सहमत हूं कि यह खतरनाक है, और वर्तमान में दिल्ली एनसीआर में बाहर दौड़ना उचित नहीं है। इस सबसे खराब एक्यूआई में दौड़ने से सर्दी, खांसी और बुखार जैसे तत्काल दुष्प्रभाव होंगे।' एक अन्य एक्स यूजर ने लिखा, 'हमारी बुद्धि कहां है और ग्रैप का क्या हुआ?' एक और यूजर ने पोस्ट किया, 'अगर लोग अपनी सेहत और भलाई की परवाह नहीं करते, तो सरकार क्यों परेशान हो? इस प्रदूषण में मैराथन दौड़ना आत्मघाती से कम नहीं है, और फिर भी लोग इसमें शामिल होने का चुनाव करते हैं। धन्य हो।'
इस विवाद के बाद तो सोशल मीडिया पर तर्क और गहरा गया। साथ ही, दिल्ली में आईएएफ द्वारा आयोजित मैराथन के अतिरिक्त ऐसे ही अन्य आयोजनों पर सवाल उठने लगे। दरअसल, सप्ताहांत होने के कारण राजधानी में ऐसे आयोजनों की संख्या बहुतायत थी। इसमें पीएनबी हेड ऑफिस में विजिलेंस अवेयरनेस वीक 2025 के तहत एक 'साइक्लोथॉन' की मेजबानी, 'फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल' आदि के आयोजन को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं।

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