प्रदूषण के चलते दिल्ली बॉर्डर पर वाहनों की कड़ी जांच, 23 चेकपोस्ट पर टीमें तैनात
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर सख्ती की गई है। बीएस-3 और उससे कम मानक वाले वाहनों पर रोक लगाई गई है। 23 सीमा चौकियों पर टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन कुछ चौकियों पर ढिलाई देखने को मिली। सिंघु बॉर्डर पर सतर्कता बरती जा रही है, जबकि कुछ अन्य बॉर्डरों पर जांच नहीं हो रही है।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर सख्ती की गई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच, दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों के खिलाफ सीमा पर सख्ती बढ़ा दी गई है। बीएस-3 और उससे कम मानक वाले व्यावसायिक वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी के तहत, रविवार से दिल्ली में प्रवेश करने वाले 23 सीमा चौकियों पर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की टीमें तैनात कर दी गईं।
निर्धारित मानकों से कम मानक वाले व्यावसायिक वाहनों के खिलाफ विशेष रूप से सख्ती बरती गई, जबकि बस और टैक्सी जैसे यात्री वाहनों को नहीं रोका गया। पहले दिन, सख्ती का मिला-जुला असर रहा। अधिकांश सीमा चौकियों पर टीमें तैनात रहीं और वाहनों की जाँच के बाद उन्हें आगे जाने दिया गया। बैरिकेड्स लगाए गए और प्रतिबंधित वाहनों के पोस्टर भी लगाए गए।
इस बीच, प्रतिबंधित वाहनों को वापस भेजा जा रहा था। जागरण की टीम ने सीमा चौकियों पर स्थिति की पड़ताल की।
बाहरी दिल्ली में नरेला-प्याऊ मनियारी सीमा पर एक भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं दिखा, न ही परिवहन विभाग का कोई कर्मचारी दिखाई दिया। वाहन बिना रोक-टोक के गुजरते रहे। आशंका है कि बीएस-3 और उससे कम मानक वाले वाहनों को सिंघु बॉर्डर से वापस भेजा जा रहा है और वे इसी सीमा के रास्ते दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं।
इस सीमा पर पहले से ही वाहनों की भारी भीड़ और बढ़ गई है। इस बीच, क्षेत्र की एक अन्य सीमा, सिंघु बॉर्डर पर, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के कर्मचारी सतर्क थे और आने-जाने वाले वाहनों के दस्तावेज़ों की जाँच कर रहे थे। हरियाणा से आने वाले बीएस-3 और उससे कम मानकों वाले कई वाहनों को सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। पुलिस सीमा पर कई जगहों पर वाहनों की जाँच करती देखी गई।
इसी तरह, पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसी मालवाहक वाहन की जाँच नहीं हुई। पुलिसकर्मी एक तरफ बैठे दिखाई दिए। खोड़ा और कौशांबी से भी मालवाहक वाहन बिना किसी रोक-टोक के गुज़रते देखे गए। अप्सरा बॉर्डर पर भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जहाँ कोई पुलिस या परिवहन विभाग का कर्मी नहीं दिखा।
वहाँ से भी वाहन बेरोकटोक आते-जाते दिखे, जिससे ऐसा लग रहा था कि वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालाँकि, जब वहाँ से गुज़रने वाले कुछ मालवाहक वाहनों के नंबरों की जाँच एमपरिवहन ऐप के ज़रिए की गई, तो वे बीएस-3 मानक वाले पाए गए।
इसके विपरीत, दिल्ली और गुरुग्राम के बीच कापसहेड़ा बॉर्डर पर, दिल्ली परिवहन विभाग की एक टीम वाहनों की जाँच करती देखी गई। कापसहेड़ा के अलावा, परिवहन विभाग के अधिकारी दिन में समय-समय पर ढांसा बॉर्डर और नजफगढ़ इलाके के बक्करवाला टोल पर भी वाहनों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए पहुँच रहे थे। हालाँकि, मालवाहक वाहन इन टोल गेटों का इस्तेमाल कम ही करते हैं।
दक्षिणी दिल्ली के कालिंदी कुंज और बदरपुर बॉर्डर पर परिवहन विभाग की टीमें मौजूद थीं। दोपहर तक, दूसरे राज्यों से बीएस-3 या उससे कम श्रेणी वाले कोई भी मालवाहक वाहन नहीं आया। रात में बदरपुर बॉर्डर पर ऐसे छह मालवाहक वाहन पहुँचे, जिन्हें वापस भेज दिया गया। बॉर्डर पर जगह-जगह नियमों से संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं और नियमित अंतराल पर बैरिकेड भी लगाए गए हैं।

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