विश्व में कहां होते हैं सबसे ज्यादा Liver ट्रांसप्लांट ? टॉप-5 में आते हैं भारत के दो शहरों के नाम
दिल्ली विश्व में सबसे अधिक लाइव लिवर प्रत्यारोपण करने वाला शहर बन गया है, जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 1500 प्रत्यारोपण होते हैं। लिवर ट्रांसप्लांट सोसायटी ऑफ इंडिया इस विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रही है। दिल्ली में 95% प्रत्यारोपण जीवित दाताओं से होते हैं, जबकि मृत दाताओं से प्रत्यारोपण अभी भी कम हैं। यहां लिवर प्रत्यारोपण की सफलता दर 90% से अधिक है।

अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। विश्व में सबसे अधिक लाइव लिवर प्रत्यारोपण दिल्ली में हो रहे हैं, यह राष्ट्रीय राजधानी की चिकित्सा दक्षता को साबित करता है। दिल्ली में प्रतिदिन औसतन चार और प्रतिवर्ष 1500 लाइव लिवर प्रत्यारोपण हो रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है, पहले यह उपलब्धि सियोल के पास थी।
दिल्ली के बाद सियोल, चेन्नई, इस्तांबुल और टोक्यो का नंबर है। हालांकि इन जगहों पर दिल्ली में होने वाले लाइव लिवर ट्रांसप्लांट के आधे से भी कम ट्रांसप्लांट होते हैं।
देश के लिवर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों (हेपोटोलाजिस्ट) की सबसे बड़ी संस्था लिवर ट्रांसप्लांट सोसायटी ऑफ इंडिया इस संदर्भ में शनिवार को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करा रही है, जिसमें भारत के प्रमुख प्रत्यारोपण विशेषज्ञ पूर विश्व से जुट रहे चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ इस कार्यक्रम में लाइव लिवर प्रत्यारोपण में देश की वैश्विक बढ़त, नई तकनीकों और आंकड़ों पर चर्चा करेंगे।
वैश्विक चिकित्सा-मानकों में दिल्ली की प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है, विशेषकर लिवर प्रत्यारोपण मामले में। अमेरिका और यूरोप सहित अन्य देशों में मृत-दाता आधारित प्रत्यारोपण के मामले अधिक होते हैं, जबकि भारत विशेषकर दिल्ली में 95 प्रतिशत प्रत्यारोपण जीवित-दाता (लाइव लिवर) से किए जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में मृत-दाता आधारित प्रत्यारोपण की स्थिति अभी सीमित है। उपलब्ध सरकारी और चिकित्सीय आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रतिवर्ष औसतन 40 ही मृत-दाता लिवर प्रत्यारोपण होते हैं। कुल प्रत्यारोपण की तुलना में यह संख्या बेहद कम है, विशेषज्ञों के अनुसार लाइव-डोनर माॅडल ने भारत में प्रत्यारोपण की तत्काल उपलब्धता और सफलतादर को बढ़ाया है।
बताया कि भारत में प्रतिवर्ष औसतन 40 हजार और दिल्ली में 500 मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ती है। इनमें से लगभग आधे मरीज अपने इलाज के लिए दिल्ली के अस्पतालों का रुख करते हैं। यहां के एम्स सहित प्रमुख सरकारी एवं निजी चिकित्सा-केंद्र एशिया के सबसे उन्नत प्रत्यारोपण केंद्रों में गिने जाते हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट सोसायटी ऑफ इंडिया के अनुसार दिल्ली में लिवर प्रत्यारोपण की सफलतादर 90 प्रतिशत से अधिक है। विशेषज्ञ कहते हैं कि राजधानी में उपलब्ध तकनीक, अनुभवी शल्य-चिकित्सक और तुरंत ऑपरेशन की सुविधा ने अब तक लाखों मरीजों को जीवनदान दिया है। बताया कि निजी अस्पतालों में इसका खर्च करीब 30 लाख रुपये आता है, जबकि सरकार अस्पतालों में यह पांच से आठ लाख तक आता है।

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